
जोधपुर, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कमिश्ररेट की मंडोर पुलिस ने साइबर ठगी गैंग का खुलासा करते हुए दो शातिरों को पकड़ा है। आरोपियों ने लालसागर में किराए पर कमरा ले रखा था और वहां बैठकर साइबर ठगी करते थे। अपने रिश्तदारों और परिचितों का बैंक खाता लेकर किसी अन्य शख्स को उपलब्ध करवाते और फिर ठगी की जाती थी। पुलिस ने उनके कमरें की तलाशी में 22 हजार से ज्यादा रूपए, 5 मोबाइल सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, 04 चैक बुक, 03 बैंक पास बुक जब्त किए जाने के साथ एक क्रेटा कार को बरामद किया है। अभियुक्तों ने साइबर ठगी में शामिल अन्य लोगों के नाम पुलिस को बताए है, जिनकी पुलिस तलाश में जुटी है। फिलहाल दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
मंडोर थाने के एएसआई बाबूराम ने बताया कि वे रात को गश्त पर थे। तब नागौरी गेट सर्किल पर रात्रि ब्रीफिगं के लिए पहुंचे। नाकाबन्दी में दो व्यक्ति जो मोटरसाईकल पर उसे रोककर चैक किया तब उसके पास संदिग्ध एटीएम, पास बुक व अन्य सामग्री मिली।
पूछताछ में युवकों ने खुद को रामनिवास पुत्र सुखराम विश्नोई निवासी भाखरी ओसियां और रामनिवास पुत्र भागीरथ राम विश्नोई निवासी फतेहसागर पलानियों की ढाणी पीलवा पुलिस थाना लोहावट जिला फलोदी होना बताया। रामनिवास पुत्र भागीरथ के पास चार एटीएम कार्ड व दो मोबाइल व चार सिम कार्ड अलग से व रामनिवास पुत्र सुखराम के पास दो मोबाइल व तीन सिमकार्ड मिले।
साइबर फ्रॉड करना कबूला :
दोनों से जब पूछताछ की गई तब ने साइकर ठगी करना बताया। हम दोनों हमारे मिलने वालों के बैंक खाता की पास बुक, एटीएम कार्ड व चैक बुक लेकर साइबर फ्रॉड करते है। रामनिवास पुत्र भागीरथ ने बताया कि लाल सागर में एक कमरा किराये पर ले रखा है जिससे बैठकर साइबर फ्रॉड करते है। वहां पर हमने काफी लोगों के एटीएम कार्ड, बैंक पास बुक, सीम कार्ड व अन्य सामग्री रखी हुई है। इस पर पुलिस की टीम ने उनके किराए के कमरें पर रेड दी। जहां पर रामनिवास ने तीन मोबाइल फोन, 22100 रूपए, 5 मोबाइल सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, 04 चैकबुक, 03 बैंक पासबुक, एक क्रेटा कार को जब्त किया गया।
एक और आरोपी के नाम का खुलासा :
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लोग जो ठगी करते है वह सागर पुत्र भागीरथराम विश्नोई निवासी जमेश्वर नगर लोहावट के पीछे काम करते है। सागर को अलग-अलग बैंके के खाता संख्या उपलब्ध कराते है। सागर इस बैंक खातों में रूपये जमा करवाता है। जो राशि हम निकाल कर आपस में बंटवारा करते है।
मोबाइलों में किसी अन्य के सिम कार्ड लगाते :
साइबर ठगी करने के आरोपी अपने परिचितों या रिश्तेदारों की सिम कार्ड को मोबाइल में लगाते और फिर वारदात को अंजाम देते थे। पेमेंट ऑन लाइन ही किया जाता था।
(Udaipur Kiran) / सतीश
