बस्ती, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । न्याय पीठ बाल कल्याण समिति ने एक नाबालिग बालिका को रात भर लालगंज थाने में रोकने के मामले में मुकामी एसओ तथा मुकदमे के विवेचक को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा है। इससे संबंधित पत्र पुलिस अधीक्षक बस्ती तथा थाने पर भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त थाना क्षेत्र के एक अभिभावक ने अपनी बेटी के घर से कहीं चले जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने प्रयास करते हुए बालिका को बरामद और उसका अपहरण करने वाले अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को बरामद सुदा बालिका को सीडब्लूसी के समक्ष 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत करना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने बरामद बालिका को प्रस्तुत करने के बजाय थाना परिसर में ही रात भर रोके रखा था।
दूसरे दिन न्याय पीठ के सदस्य के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से उसके मेडिकल का आदेश किया गया। बालिका ने न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद उक्त बात की जानकारी दी कि मुझे रात में थाना परिसर में रखा गया था। इस बात की जानकारी होने पर न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, डॉ संतोष श्रीवास्तव तथा मंजू त्रिपाठी ने इस बात को बाल अधिनियम 2015 का उल्लंघन मानते हुए थानाध्यक्ष एवम मामले के विवेचक से स्पष्टीकरण मांगा है।
इस संबंध में सीडब्लूसी के चेयरपरशन प्रेरक मिश्रा ने बताया कि किसी भी नाबालिग को थाने में नही रोकना चाहिए। यह नाबालिग के सर्वोच्च हित मे बाधक है तथा विधिक प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब हो जाता है। जो कि नाबालिग के हित मे ठीक नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / महेंद्र तिवारी