HimachalPradesh

सीयू के राजनीति विज्ञान विभाग ने करवाई प्रतियोगिताएं, पोस्टर मेकिंग में कल्पना कश्यप और निबंध में हेमांक वैष्णव रहे अव्वल

सीयू में आयाेजित इवेंट के विजेता प्रतिभागी।

धर्मशाला, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग ने संविधान दिवस के तहत पोस्टर मेकिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। विभाग ने ललित कला विभाग के साथ मिलकर “संविधान के रंग” शीर्षक से पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और ‘हम लोग: भारतीय संविधान पर आत्मचिंतन’ शीर्षक से निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। सप्त सिंधु परिसर देहरा में आयोजित इन दोनों प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने भाग लिया।

“संविधान के रंग” विषय पर आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों द्वारा मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, समानता, स्वतंत्रता और जनजातीय समुदायों का कल्याण आदि विषयों पर संविधान के विशेष प्रावधानों को चित्रित किया गया। इसमें प्रो. निरुपमा सिंह, डॉ. उज्ज्वल खडोडे और डॉ. वेद पालीवाल सहित जजों के एक पैनल ने पोस्टरों का मूल्यांकन किया। मूल्यांकन मानदंडों में रचनात्मकता, विषय से प्रासंगिकता, मौलिकता और समग्र प्रस्तुति शामिल रही। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कल्पना कश्यप, द्वितीय पुरस्कार राकेश कुमार तथा तृतीय पुरस्कार सिद्धांत कुमार ने हासिल किया।

वहीं भारतीय संविधान विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता का विषय प्रतिभागियों को प्रस्तावना में निहित गहरे आदर्शों का अन्वेषण करने के लिए प्रेरित करना था। विशेष रूप से ‘हम लोग’ विषय पर न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और लोकतंत्र की भावना सहित भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों और मूल्यों की चिंतनशील खोज को प्रोत्साहित किया। प्रतियोगिता अंतरविभागीय थी, जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से छात्रों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हेमांक वैष्णव, द्वितीय पुरस्कार साकेत कश्यप और तृतीय पुरस्कार अक्षित कास्ता ने हासिल किया।

राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यीक्ष प्रो. जगमीत बावा ने बताया कि निबंध लेखन प्रतियोगिता में लोकतंत्र की भावना, सामाजिक न्याय और समानता, गतिशील व्याख्या, मौलिक अधिकार और कर्तव्य विषय शामिल थे। उन्होंने कहा कि अपने विचारशील निबंधों के माध्यम से प्रतिभागियों ने न केवल अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि एक लोकतांत्रिक और समावेशी राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान को आकार देने में संविधान की भूमिका को श्रद्धांजलि भी दी।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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