जम्मू, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के संस्कृति विभाग की सचिव दीपिका शर्मा ने आज जम्मू के केएल सहगल हॉल में डोगरी मंता दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय डोगरी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के कलाकारों और लेखकों की एक बड़ी भीड़ मौजूद थी। यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) द्वारा आयोजित किया गया था। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पद्म श्री मोहन सिंह ने की, जिसमें सुश्री दीपिका शर्मा मुख्य अतिथि थीं।
अध्यक्ष मंडल में प्रसिद्ध डोगरी कवि दर्शनदर्शी, प्रख्यात लेखक डॉ. ओम गोस्वामी, जेकेएएसीएल जम्मू के संभागीय प्रमुख डॉ. जावेद राही और डोगरी संपादक रीता खडयाल जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल थीं।
समारोह को संबोधित करते हुए सुश्री दीपिका शर्मा ने डोगरी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कला, संस्कृति और भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए 32 नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने जेकेएएसीएल को युवा दर्शकों को जोड़ने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों पर गर्व महसूस कराने के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले डोगरी थिएटर महोत्सव का आयोजन करने का भी निर्देश दिया। इससे पहले, डॉ. जावेद राही ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के उद्देश्यों को रेखांकित किया। इसके बाद डॉ. ओम गोस्वामी ने मुख्य भाषण दिया, जिन्होंने डोगरी भाषा के ऐतिहासिक महत्व और विकास पर एक व्यावहारिक पेपर प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि डीके वैद ने भावी पीढ़ियों के लिए डोगरी साहित्य और संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व को रेखांकित किया और इसकी विरासत को बनाए रखने के लिए सहयोगी प्रयासों का आह्वान किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में, पद्मश्री मोहन सिंह ने डोगरी भाषा की सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डाला और शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों में डोगरी को उचित स्थान दिलाने के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ऐसी पहलों को प्रोत्साहित किया जो भाषा के संरक्षण में युवाओं को सक्रिय रूप से शामिल करें।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा