
जम्मू, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । एक ऐतिहासिक उपलब्धि में केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के शैक्षिक अध्ययन विभागों ने मास्टर ऑफ एजुकेशन (एम.एड.) कार्यक्रम की पेशकश करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त की है। नई दिल्ली में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय समिति (एनआरसी-एनसीटीई) की 431वीं बैठक (खंड-1) के दौरान एनसीटीई विनियम, 2014 के खंड 7(16) के तहत मान्यता प्रदान की गई। यह स्वीकृति गुणवत्तापूर्ण शिक्षक शिक्षा और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
2019 से पहले एनसीटीई विश्वविद्यालय में शिक्षक शिक्षा को विनियमित नहीं करता था और इसलिए इसके एम.एड. कार्यक्रम के लिए अलग से सत्यापन की आवश्यकता नहीं थी। हालाँकि, विकसित शैक्षिक नीतियों और नियामक ढाँचों के साथ अब एनसीटीई को देश भर में शिक्षक शिक्षा मानकों की देखरेख करने का काम सौंपा गया है। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिली मान्यता सर्वोच्च शैक्षणिक मानदंडों के पालन का प्रमाण है। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव जैन ने विभाग को बधाई दी और इस मान्यता को संस्थान के लिए गौरव का क्षण बताया। यह हमारे विश्वविद्यालय में शिक्षक शिक्षा परिदृश्य को बढ़ाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।
सीयू जम्मू के रजिस्ट्रार प्रो. यशवंत सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्चतम शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने और शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी बीच शैक्षणिक अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो. असित के. मंत्री ने अपना उत्साह साझा करते हुए कहा कि यह मान्यता छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस हैं। प्रो. मंत्री ने मान्यता प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कुलपति, रजिस्ट्रार और एनआरसी-एनसीटीई के सदस्य प्रो. जे.एन. बलिया को अपनी शुभकामनाएं दीं। संकाय सदस्य प्रो. रितु बख्शी, डॉ. किरण, डॉ. अमन, डॉ. रवि वांगुरी, डॉ. याद राम और डॉ. मोहन ने विद्वानों और छात्रों के साथ इस पल का जश्न मनाया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
