
जम्मू, 1 मई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करते हुए जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय ने समग्र और बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कला-एकीकृत शिक्षाशास्त्र पर कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। विभागाध्यक्ष प्रो. असित के. मंत्री के कुशल नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कला को शिक्षा के साथ जोड़कर शिक्षण में समझ और रचनात्मकता को गहरा करना था।
कार्यशाला के संयोजक प्रो. जे.एन. बलिया ने पहल के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे एक शानदार सफलता बताया जिसने शिक्षकों और छात्रों को शिक्षण पद्धतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन और भाषाओं जैसे मुख्यधारा के विषयों में कला को शामिल करने से न केवल समझ बढ़ती है, बल्कि आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को भी बढ़ावा मिलता है।
कार्यशाला में विशेषज्ञों के नेतृत्व वाले सत्रों में कला एकीकरण की शिक्षाशास्त्र में अंतर्दृष्टि प्रदान की गई, जो सार्थक और आकर्षक शैक्षिक अनुभव बनाने के लिए एनईपी 2020 के व्यापक लक्ष्यों के साथ संरेखित है। बीए बीएड 8वें सेमेस्टर के छात्रों ने अभिनव, कला-आधारित शिक्षण उपकरणों का प्रदर्शन करते हुए व्यावहारिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यशाला के पूरक के रूप में, प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा बनाई गई शिक्षण-शिक्षण सामग्री की एक विविध श्रृंखला प्रदर्शित की गई जो कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से शैक्षणिक ज्ञान को लागू करने की उनकी क्षमता को दर्शाती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
