जम्मू, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. संजीव जैन ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में सीलोमीटर लिडार वेधशाला का उद्घाटन किया। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार, अहमदाबाद के सहयोग से स्थापित यह अत्याधुनिक सुविधा, पीआरएल के भारतीय लिडार नेटवर्क (आईएलआईएन) कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उद्घाटन के दौरान प्रो. जैन ने जम्मू केंद्र शासित प्रदेश में अपनी तरह की पहली सुविधा स्थापित करने के लिए सीयू जम्मू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के वायुमंडलीय विज्ञान अनुसंधान समूह और पीआरएल के अंतरिक्ष और वायुमंडलीय विज्ञान प्रभाग के प्रयासों की सराहना की। प्रो. जैन ने सीयू जम्मू में वायुमंडलीय विज्ञान अनुसंधान के लिए सहयोग बढ़ाने और उन्नत उपकरण सुविधाओं का विस्तार करने के लिए पूर्ण समर्थन का भी वादा किया।
पीआरएल के अंतरिक्ष और वायुमंडलीय विज्ञान प्रभाग के उप प्रमुख प्रो. सोम कुमार शर्मा ने पीआरएल प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और आईएलआईएन कार्यक्रम के व्यापक लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में वायुमंडलीय बादल विशेषताओं, सीमा परत गतिशीलता और विभिन्न वायुमंडलीय प्रक्रियाओं की जांच करने के लिए पूरे भारत में कई लिडार प्रयोगशालाएं स्थापित करना शामिल है।
वहीं सीयू जम्मू में सीलोमीटर लिडार वेधशाला के नोडल संकाय डॉ. अंकित टंडन ने वेधशाला के प्राथमिक उद्देश्यों को रेखांकित किया जिसमें बादल परत की ऊंचाइयों की वास्तविक समय निगरानी, वायुमंडलीय सीमा परत गतिशीलता को समझना, वर्षा की बूंदों के आकार वितरण का अध्ययन करना और उत्तर-पश्चिमी हिमालय में जम्मू क्षेत्र के लिए प्रमुख मौसम मापदंडों का विश्लेषण करना शामिल है। हिमालयन एरोसोल रिसर्च इंस्ट्रूमेंटेशन सुविधा की समन्वयक डॉ. श्वेता यादव ने इस महत्वपूर्ण वेधशाला की स्थापना में उनके समर्थन के लिए प्रो. जैन और पीआरएल के निदेशक प्रो. अनिल भारद्वाज का आभार व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्र में जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बढ़ाने के लिए मूल्यवान वायुमंडलीय डेटासेट उत्पन्न करने की सुविधा की क्षमता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर सोम कुमार शर्मा द्वारा ग्राउंड-बेस्ड लिडार और सैटेलाइट का उपयोग करके वायुमंडलीय जांच: विज्ञान और सामाजिक परिप्रेक्ष्य पर व्याख्यान भी दिया गया। पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रमुख प्रोफेसर ऋचा कोठारी ने प्रोफेसर शर्मा द्वारा प्रदान की गई अंतर्दृष्टि की प्रशंसा की और लिडार-आधारित वायुमंडलीय अनुसंधान के सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला।
स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के डीन प्रोफेसर सुनील धर ने इस तरह के अध्ययनों के महत्व पर जोर दिया जबकि स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन प्रोफेसर विनय कुमार ने कहा कि यह नई वेधशाला सीयू जम्मू के सतीश धवन सेंटर फॉर स्पेस साइंस में मौजूदा रेडियोसॉन्ड माप का पूरक है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा