
धार, 3 फरवरी (Udaipur Kiran) । बसंत पंचमी पर धार की प्राचीन भोजशाला में सोमवार सुबह से ही मां वाग्देवी की पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। चार दिवसीय बसंत पंचमी समारोह मंत्रोच्चार के साथ शुरू हो गया है। भोजशाला सहित पूरे परिसर को भगवा पताकाओं से सजाया गया है। साथ ही सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि धार की भोजशाला में एक मध्यकालीन स्मारक है, जिस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष अपना दावा करते हैं। 11वीं सदी की इस स्मारक को एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है। कई बार हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद की स्थिति भी बन चुकी है।
बता दें कि राजा भोज ने वर्ष 1034 में इसी दिन मंदिर के गर्भगृह में मां वाग्देवी की मूर्ति स्थापित कर सरस्वती जन्मोत्सव मनाने की शुरुआत की थी। उसी समय से पूरा हिंदू समाज इसी परंपरा को बड़े उत्साह से मनाता आ रहा है।
धार की भोजशाला सहित 200 मीटर का एरिया पुलिस छावनी में तब्दील है। 70 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 40 अधिकारी, 19 थाना प्रभारी सहित 700 से अधिक जवान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। शहर के 34 चिह्नित स्थानों फिक्स पॉइंट बनाए गए हैं, जबकि पुलिस टीम नगर में भी लगातार गश्त कर रही है।
इस संबंध में महाराजा भोज स्मृति वसंतोत्सव आयोजन समिति के महामंत्री सुमित चौधरी ने बताया कि सरस्वती पूजन के साथ सुबह 7 बजे से यज्ञ शुरू हुआ। उदाजीराव चौराहा घोड़ा चौपाटी से शोभायात्रा निकाली गई। इसमें विशेष रथ पर विराजमान मां वाग्देवी के तैलचित्र के दर्शन हुए।
वाग्देवी की शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। यात्रा मार्ग की 20 हाइराइज बिल्डिंग्स पर पुलिस जवान तैनात रहे। इसके बाद धर्मसभा होगी, जिसमें मुख्य अतिथि उत्तम स्वामीजी महाराज हैं।
उत्तम स्वामी बोले-अधर्मियों के कारण कुंभ में भगदड़
धार में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी ने कहा कि भोजशाला में मां सरस्वती तब ही आ सकती हैं, जब हम लोगों के एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र हो। अगर 25 हजार लोग भोजशाला में आकर बैठ जाएं तो कोई माई का लाल यहां नमाज नहीं पढ़ सकता।
उन्होंने कहा कि भोजशाला का मुद्दा प्रयागराज महाकुंभ में संतों के बीच रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में कुछ अधर्मियों के कारण भगदड़ मची थी। कुछ लोगो ने षड्यंत्र किया, अफवाह फैलाने, लोगों को भयभीत करने और डराने का काम किया, इसलिए भगदड़ मची।
विदित हो कि विछले वर्ष इस स्मारक को हिंदू पक्ष कहते हैं कि देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, वहीं, मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर बीते वर्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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