West Bengal

कलिम्पोंग में ऑरेंज फेस्टिवल के आखिरी दिन दिखी भीड़

कलिम्पोंग में ऑरेंज फेस्टिवल के आखिरी दिन दिखी भीड़

दार्जिलिंग, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दार्जिलिंग संतरे का गौरव वापस लाने और वैश्विक बाजार में पेश करने के लिए कलिम्पोंग में दो दिवसीय ऑरेंज फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। ऑरेंज फेस्टिवल के आखिरी दिन यानी की रविवार को भारी भीड़ देखने को मिली।

बागवानी विभाग के मंत्री अरूप रॉय ने इस महोत्सव का शनिवार को उद्घाटन किया था।

उल्लेखनीय है कि एक समय दार्जिलिंग के संतरे विदेशी बाजारों में भी निर्यात किये जाते थे। बिजनबाड़ी से शुरू होकर इसकी खेती मिरिक, सौरिनी, सेल्पु, सिटोंग, लाटपंचर, तागदा समेत विभिन्न पहाड़ी इलाकों में की जाती थी। लेकिन पेड़ में कीटाणु लगने के कारण संतरे का उत्पादन कम होने लगा। किसानों द्वारा उचित देखभाल के अभाव और कृषि एवं बागवानी विभाग की पहल के अभाव के कारण पेड़ नष्ट हो गया। ऐसे में राज्य सरकार ने दार्जिलिंग संतरे का गौरव लौटाने की पहल की है। वर्ष 2017-18 से बागवानी विभाग ने पहाड़ी संतरे के पुनरुद्धार की पहल की। देश के विभिन्न हिस्सों से वैज्ञानिकों को पहाड़ी संतरे की खेती वाले क्षेत्रों का दौरा करने और सेमिनार आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया गया। नई पौध लाकर खेती शुरू की गई। यह कार्य विशेष रूप से सिनकोना परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है। जिसके बाद बागवानी विभाग 2022 से ऑरेंज फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है। यह फेस्टिवल दो साल से मंगपु में आयोजित किया जा रहा था। इस बार कलिम्पोंग में फेस्टिवल का आयोजन किया गया।

ऑरेंज फेस्टिवल प्रदर्शनी के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। ऑरेंज फेस्टिवल में पहाड़ के विभिन्न हिस्सों से 50 संतरा उत्पादकों ने स्टॉल दिये हैं। शनिवार को ऑरेंज फेस्टिवल के अंतिम दिन कलिम्पोंग के स्थानीय लोगों के साथ-साथ भरी संख्या में पर्यटकों की भीड़ देखी गई।

(Udaipur Kiran) / सचिन कुमार

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