
धमतरी, 16 मई (Udaipur Kiran) ।सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविर के दूसरे चरण में जिला अस्पताल धमतरी में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने हितग्राहियों की भीड़ लग रही है। समाधान शिविर के पहले चरण में जिला अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए 100 से अधिक आवेदन मिला था। इसके चलते जिला स्वास्थ्य विभाग ने 30 मई तक रोजाना दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने का निर्णय लिया है। सप्ताह में दो ही दिन मंगलवार और शुक्रवार को यह प्रमाण पत्र बनाया जाता है।
जिला अस्पताल के सलाहकार गिरीश कश्यप ने बताया कि मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी धमतरी डा यूएल कौशिक के निर्देश पर और सिविल सर्जन डा अरुण कुमार टोंडर के मार्गदर्शन में सुशासन तिहार में सिकलिंग और अस्थिबाधित दिव्यांगों का प्राथमिकता के साथ प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। समाधान शिविर में कुल 153 आवेदन जिला अस्पताल को मिले थे। जिसमें 121 हितग्राहियों ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया था। वहीं पांच हितग्राहियों ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया था। इसके साथ ही डाक्टरों की कमी की समस्या को लेकर भी आवेदन प्राप्त हुआ था। इन प्राप्त आवेदनों का निराकरण करते हुए सभी हितग्राहियों को फोन कर आवश्यक दस्तावेज के साथ जिला अस्पताल आकर प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहा जा रहा है। वहीं जिन हितग्राहियों के फोन नहीं लगे रहे आसपास के संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से सूचना हितग्राही तक पहुंचा रहे है।
अब तक 149 दिव्यांगता प्रमाण पत्र बना
जिला अस्पताल धमतरी में एक जनवरी से 15 मई तक कुल 149 हितग्राहियों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया गया है। जिसमें एक से 15 मई तक 34 हितग्राहियों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बना है।
बांड डाक्टर रखने के लिए बनाया जा रहा पोर्टल
स्वास्थ्य विभाग के राज्य स्तरीय बैठक में सीएमएचओ और सिविल सर्जन ने जिला अस्पताल में डाक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। जहां विभागीय सचिव ने जल्द ही नया पोर्टल लांच करने के संबंध में जानकारी दी है। जिसमें नियमित पद के विरुद्ध बांड डाक्टर रखने पर चर्चा हुई। इन बांड डाक्टरों को कम से कम दो साल सेवा देना होगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
