West Bengal

पश्चिम बंगाल में आलू उत्पादन पर संकट, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने जताई चिंता

आलू की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान

कोलकाता, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में इस साल 70 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है, जिनमें से 475 कोल्ड स्टोरेज में आलू को संरक्षित किया गया है। वर्तमान में छह लाख 10 हजार मीट्रिक टन आलू कोल्ड स्टोरेज में मौजूद है। हालांकि, दिसंबर महीने के 15 तारीख तक के आंकड़ों के अनुसार, दो लाख मीट्रिक टन आलू पिछले दो सप्ताह में खुले बाजार में बेचा गया है।

वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शुभजीत साहा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगले एक महीने में सभी आलू को बाजार में उतारना संभव नहीं होगा। उनका कहना है कि दूसरे राज्यों में आलू आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। साथ ही, आलू की कीमतों में वृद्धि को लेकर जो विवाद चल रहा है, वह भी सही नहीं है।

कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने सरकार के बयानों और निर्णयों की आलोचना की है। उन्होंने राज्य सरकार को इस उद्योग की समस्या के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है। इस संबंध में मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत और कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना को पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

कोल्ड स्टोरेज मालिकों का कहना है कि आलू की पुरानी स्टॉक को बाजार में लाने में हो रही देरी से स्थिति और जटिल हो सकती है। एक तरफ नई फसल बाजार में पहुंच रही है, तो दूसरी ओर सर्दियों की सब्जियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। इससे पुराने आलू की मांग कम हो गई है। अगर कोल्ड स्टोरेज में आलू को इसी तरह रोका गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष सुनील कुमार राणा, पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार बंसल, और अन्य प्रमुख सदस्य जैसे पतित पावन डे, तरुण कांति घोष, गोविंद कजारिया, दिलीप चटर्जी, कौशिक कुंडु और प्रदीप लोढ़ा उपस्थित रहे।

कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने राज्य सरकार से इस समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है, ताकि आलू आपूर्ति में बाधा को दूर किया जा सके और किसानों व व्यापारियों को राहत मिल सके।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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