Jharkhand

कुजू के जंगलों में लेते हैं अपराधी शरण, 2019 में मारा गया था बाजीराम महतो

घटनास्थल पर मौजूद अधिकारीघटनास्थल पर मौजूद अधिकारी

रामगढ़, 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । रामगढ़ जिले का कुजू क्षेत्र अपराधियों का बड़ा शरणस्थली बना हुआ है। अपराधी यहां से रंगदारी भी वसूलते हैं और यहां के जंगलों में छुपकर राज भी करते हैं। जब भी पुलिस अपराधियों का पीछा करती है, वह भाग कर जंगलों और झाड़ियां में छुप जाते हैं। अंधेरे का लाभ उठाकर वह यहां से बोकारो और हजारीबाग जिला में प्रवेश कर जाते हैं। राहुल तुरी उर्फ आलोक और आकाश करमाली ने भी ऐसा ही करने की योजना बना रखी थी। लेकिन इस बार हजारीबाग और रामगढ़ पुलिस पहले से ही अलर्ट थी। पुलिस नहीं चाहती थी कि अपराधी भाग कर किसी दूसरे जिले में जाकर छुप जाएं। उन्होंने अपराधियों का लगातार पीछा किया। अपराधी पुलिस को पीछे हटाने के लिए गोलियां चला रहे थे, लेकिन पुलिस टस से मस नहीं हुई।

कुजू ओपी क्षेत्र में राहुल तुरी से पहले झारखंड का कुख्यात अपराधी बाजीराम महतो भी एनकाउंटर में मारा गया था। 27 फरवरी 2019 को रामगढ़ के तत्कालीन एसपी निधि द्विवेदी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया था। उस दौरान बाजीराम महतो को सुगिया के जंगलों में ही घेरा गया। जब उसने भी पुलिस पर फायरिंग शुरू की तब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की थी। रामगढ़ जिले में एनकाउंटर की वह पहली घटना थी। जिसके बाद अपराधियों में दहशत का माहौल कायम हो गया था। बाजीराम महतो ने कई वारदातों को अंजाम दिया था। वह भी ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने का काम करता था। यहां तक कि उसने तत्कालीन मंत्री रहे चंद्र प्रकाश चौधरी के एक रिश्तेदार जलेश्वर महतो को भी अगवा कर लिया था। उसने पुलिस के नाक में दम कर रखा था। लेकिन तत्कालीन एसपी निधि द्विवेदी ने उस अपराधी को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पुलिस से बचने के लिए वह सुगिया के जंगल में छुप गया था। जब पुलिस ने उसका पीछा नहीं छोड़ा, तो उसने भी पुलिस पर गोलियां चलाई। नतीजा यह हुआ कि एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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