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रामगढ़, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । झारखंड समेत कई राज्यों में संगठित आपराधिक गिरोह को संचालित करने वाला विकास तिवारी अपने इशारे पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलवा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब इस गिरोह का एक सदस्य अनिल यादव रामगढ़ और लातेहार पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार हुआ। शुक्रवार को पुलिस अनिल यादव को कड़ी सुरक्षा के बीच लातेहार ले गई। लेकिन रामगढ़ में जो कहानी सामने आई वह चौंकाने वाली थी। रामगढ़ शहर के बंगाली टोला निवासी अनिल यादव गिरोह के लिए काफी लंबे समय से काम कर रहा था। विकास तिवारी के इशारे पर वह दूसरे जिले के व्यापारियों और ठेकेदारों को ना सिर्फ धमकता था, बल्कि उन्हें रामगढ़ बुलाकर रंगदारी वसूलता था। धमकी देने के बाद जब व्यापारी उसे पैसे देने के लिए राजी होते थे, तो उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग 33 का एक लोकेशन उन्हें भेजता था।
लातेहार के एक व्यापारी को जब पांडे गिरोह की ओर से धमकी मिली तो वह सदमे में आ गया। लेकिन बाद में उसने पुलिस का सहारा लिया। जब पुलिस गिरोह के सदस्यों को ट्रैक कर रही थी, तो इसकी भनक किसी को नहीं लगी। अनिल यादव ने रंगदारी की रकम लेने के लिए जब अपना लोकेशन भेजा, तो पुलिस इस लोकेशन को ट्रैक कर रामगढ़ कोठार ओवर ब्रिज तक पहुंची। पुलिस टीम को देखकर अनिल यादव जब भागने लगा तो दौड़ा कर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
अनिल यादव का घर शहर के बंगाली टोला में है। पुलिस ने उसके घर पर भी छापेमारी की। उसके घर से पुलिस को क्या मिला इसका खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। पूछताछ के दौरान अनिल यादव ने पांडे गिरोह से अपने संबंध होने की बात स्वीकार की है। छापेमारी के दौरान रामगढ़ थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, लातेहार सदर थाना प्रभारी दुलारी चौड़े और उनकी टीम मौजूद थी।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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