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कानपुर, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । कानपुर में आठ नवंबर से क्राफ्टरूट्स एग्जिबिशन की शुरुआत हो रही है। लाजपत भवन में शुरु होने जा रही इस एग्जिबिशन में देशभर से कारीगर हिस्सा लेंगे। 12 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को ग्रामश्री और क्राफ्टरूट्स के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
ग्रामश्री की स्थापना 1995 में गुजरात की प्रथम महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमी अनारबेन पटेल द्वारा की गई थी। यह संगठन गुजरात के ग्रामीण और शहरी वंचित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करता है, जिसमें विभिन्न कौशल, जैसे हस्तशिल्प, पाककला, ड्राइविंग, और नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले 25 वर्षों में ग्रामश्री ने 75,000 से अधिक महिलाओं को उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए सशक्त बनाया है।
ग्रामश्री की ही एक प्रमुख पहल क्राफ्ट रूट्स है, जो भारतीय पारंपरिक कारीगरों को अपनी कला को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का मंच प्रदान करता है। पिछले दो दशकों में क्राफ्ट रूट्स ने 45 से अधिक शिल्पकलाओं को पहचान दी है और 25,000 से अधिक कारीगरों को उनके हुनर को विकसित करने में सहयोग दिया है। क्राफ्ट रूट्स का नेटवर्क भारत के 21 राज्यों में फैला हुआ है, जो 35,000 से अधिक कारीगरों को जोड़कर शिल्प के 5000 वर्षों पुराने विरासत को संजोने का प्रयास कर रहा है।
दृष्टि व मिशन ग्रामश्री और क्राफ्ट रूट्स का लक्ष्य भारतीय हस्तशिल्प की परंपरा को संरक्षित, विकसित और बढ़ावा देना है। उनका मिशन शिल्प कला के रचनात्मक पक्ष को मनाना, भारतीय कला परंपराओं को पुनर्जीवित करना और स्थानीय कारीगर समुदायों के लिए एक स्थायी मॉडल बनाना है।
क्राफ्ट रूट्स की प्रमुख गतिविधियां
कारीगरों की कला और सांस्कृतिक प्रथाओं का दस्तावेजीकरण, जिससे उनके हुनर को पहचान और समझ मिले। विभिन्न विपणन चैनलों के माध्यम से उत्पादों को बढ़ावा देकर कारीगरों के आजीविका में सुधार। कारीगरों को नए डिज़ाइनों और तकनीकों का प्रशिक्षण देना। शैक्षिक कार्यक्रमों द्वारा कारीगरों के कौशल में वृद्धि और भारतीय कला की जानकारी देना। सामाजिक सहायता के तहत कारीगर समुदायों को आवश्यक समर्थन प्रदान करना।
प्रदर्शनी के लाभ
क्राफ्ट रूट्स प्रदर्शनी कारीगरों को नई पहचान और स्थिर रोजगार के अवसर प्रदान करती है। साथ ही, यह पर्यावरण अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देती है। इन प्रदर्शनों से न केवल महिला सशक्तिकरण होता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का भी संरक्षण होता है। ग्रामश्री और क्राफ्ट रूट्स अपने उद्देश्य और मिशन के साथ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह
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