Haryana

हिसार : बिजली की बढ़ाई दरें वापिस लेने की मांग पर सीपीएम ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपते सीपीएम नेता।

हिसार, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भारत की कम्युनिस्ट

पार्टी (मार्क्सवादी) की शहर कमेटी ने हरियाणा सरकार द्वारा बिजली की दरों में की गई

बढ़ोतरी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे मेहनतकश और मध्यमवर्ग जनता पर नया बोझ करार दिया

है। पार्टी ने उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बढ़ी हुई दरों को तुरंत

वापस लेने की मांग की है।

पार्टी नेता शकुंतला जाखड़ ने कहा कि हरियाणा

सरकार ने पहले से ही महंगाई और रोजी-रोटी का संकट झेल रही आम जनता पर यह बोझ लाद दिया

है। बिजली की दरों में 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी के साथ ही प्रति किलोवाट

के हिसाब से 50 रुपए फिक्स चार्ज भी लगाया गया है जिसका कोई भी कारण नहीं बताया गया

है, और न ही इसका कोई औचित्य बनता है। नगरपालिका, पंचायत और फ्यूल सरचार्ज इसके अतिरिक्त

बिल का हिस्सा होंगे।

इस प्रकार वास्तविक बिल सरकार द्वारा बताई जा रही दरों से कहीं

अधिक ही होंगे। उन्होंने कहा कि बिजली निगमों के घाटे को इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण

बताया जा रहा है जबकि असलियत में सरकार की बिजली नीति इसके लिए जिम्मेदार है। हरियाणा

की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की बजाय सरकार अडाणी और अन्य उत्पादकों से

महंगी दरों पर बिजली खरीद कर जनता की कीमत पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है।

प्री पेड स्मार्ट मीटर वालों को 5 प्रतिशत की छूट की घोषणा भी जनता को भ्रमित करने

का ही कदम है।

पार्टी ने मांग की है कि बिजली दरों में वृद्धि तुरंत वापस ली जाए और

प्रदेश के गरीब लोगों को 300 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली दी जाए। यदि सरकार इसे वापस

नहीं लेती है तो सीपीएम पार्टी जनता के बीच अभियान चलाकर पुरजोर इसका विरोध करेगी। प्रतिनिधि मंडल में पार्टी राज्य कमेटी सदस्य

व पार्टी शहर सचिव शकुंतला जाखड़, सुरेश शास्त्री, कामरेड लीलूराम, कामरेड हितेश, सुरेंद्र

मान, कामरेड बलराज, नरेश गौतम, अनिल शर्मा, सुरेश गिरधर, महिला नेता निर्मला आदि शामिल

रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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