Uttrakhand

गाजा में जारी जनसंहार और युद्ध के विरोध में हल्द्वानी में भाकपा माले का प्रदर्शन

भारत सरकार युद्ध के विरोध में शांति के लिए पहल करे - भाकपा माले

हल्द्वानी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इजरायल द्वारा गाजा में जारी जनसंहार और युद्ध के विरोध में भाकपा माले ने बुध पार्क हल्द्वानी में धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आयाेजन फिलिस्तीन की जनता के प्रति एकजुटता और राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत किया गया।

भाकपा माले केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि गाजा पर चल रहे इजराइली हमले का एक साल पूरा हो गया है। विश्व के अधिकांश देशों के विरोध के बावजूद निहत्थी जनता के विरुद्ध एकतरफा युद्ध जारी है जिसमें अमेरिकी साम्राज्यवादी धुरी के देश लगातार हथियार और गोला बारूद आपूर्ति कर रहे हैं और भारत समेत कई देश इसमें इजराइल के पक्ष में खड़े हैं। आखिर क्यों? आजादी के बाद से भारत ने हमेशा एक स्वतंत्र, प्रगतिशील एवं गुटनिरपेक्ष विदेश नीति, जिसमें विश्व शांति, युद्ध विरोध व सभी राष्ट्रों की संप्रभुता की रक्षा व आजादी प्रमुख तत्व हैं, को अपनाया है। आज क्यों मोदी सरकार आततायी, हमलावर युद्ध अपराधी इजराइल के साथ खड़ी है? हमें युद्धोन्माद और निर्दोष लोगों के जनसंहार का साथ हरगिज नहीं देना चाहिए।

ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि फिलिस्तीन में गाजा एक साल से चल रहे हमलों में पूरी तरह तबाह हो चुका है और आज भी वहां हमले, बमबारी एवं इजराइली सेना का दमन चल रहा है। करीब बाईस लाख आबादी वाले गाजा में 40,000 नागरिक, ज्यादातर बच्चे और महिलाएं मारे जा चुके हैं, लेकिन गैरसरकारी सूत्रों के अनुसार वहां कम से कम 125000 मौतें हुई होंगी।

अंबेडकर मिशन के अध्यक्ष जीआर टम्टा ने कहा कि इजराइल में नेतन्याहू की फासिस्ट सरकार फिलिस्तीन में इंसानियत की हत्या कर जमीनों पर कब्जा कर इजराइली नागरिकों को बसाने का काम कर रही है। हमारे देश को मानवता के प्रति हो रहे इस गंभीर अपराध में इजराइल का साथ हरगिज नहीं देना चाहिए।

माले जिला सचिव डाॅ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि इस साम्राज्यवादी युद्ध को और फैलाने की मंशा से इजराइल ने लेबनान पर हमला बोल दिया है। ईरान को भी इसमें लाना चाहता है। पिछले दिनों लेबनान में पेजर, फोन और रेडियो आदि में बम विस्फोट की खबरों के माध्यम से इस युद्ध के घिनौनेपन की एक तस्वीर भी सामने आई है। आम जनता के सामान्य उपकरणों को भी साजिश से घातक हथियारों में बदल दिया गया है। लेबनान में सैकड़ों आम नागरिक मार दिए गए। हजारों घायल हुए।

प्रदर्शन में भाकपा माले के राजा बहुगुणा, ऐक्टू से केके बोरा, अंबेडकर मिशन केजीआर टम्टा, माले जिला सचिव डाॅ. कैलाश पाण्डेय, मूल निवासी संगठन के सुंदर लाल बौद्ध, क्रालोस के मुकेश भंडारी, आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की सायमा सिद्दकी, एडवोकेट राजेंद्र सिंह कुटियाल, एमएस मलिक, प्रकाश, अमित कोहली, शंकर लाल, देवेन्द्र कुमार आदि शामिल रहे।

(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता

Most Popular

To Top