
प्रयागराज, 05 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल करने में फर्जीवाड़े के लिए याची के अधिवक्ता से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि यह कैसे हुआ।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने जालौन की समुद्री देवी की याचिका पर दिया है। गांव सभा के अधिवक्ता दीपक गौर ने आरोप लगाया कि याचिका की कॉपी उन्हें नहीं दी गई और रिसीव दिखाकर (लिखकर) याचिका दाखिल कर दी गई। उनकी ओर से रिसीव फर्जी दर्ज किया गया है।
जब याचिका सुनवाई के लिए पेश हुई तो याची के अधिवक्ता संतोष कुमार कोर्ट में नहीं थे। विपक्षी गांव सभा के अधिवक्ता दीपक गौर ने आपत्ति की कि याचिका की कॉपी उन्हें नहीं दी गई है। लेकिन याचिका पर उन्हें प्राप्त हो गई है, की प्रविष्टि दर्ज है, जो पूर्णतया फर्जी है। विपक्षी के अधिवक्ता को याचिका की कॉपी देने के लिए सम्पर्क ही नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने निबंधक अनुपालन को 48 घंटे में याची के अधिवक्ता संतोष कुमार को आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
