
-एक महीने तक फरार रहने के बाद 27 दिसंबर को पुलिस की गिरफ्त में आया था जालसाज
अहमदाबाद, 28 दिसंबर (Udaipur Kiran) । साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर से बीजेड पोंजी स्कीम के जरिए 14 हजार लोगों के करीब 6 हजार करोड़ रुपये लेकर रफूचक्कर होने वाला आरोपित जालसाज भूपेन्द्रसिंह झाला 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। सीआईडी ने 14 दिन के रिमांड की मांग की थी। अहमदाबाद के जीपीआईडी कोर्ट में शनिवार शाम उसे पेश किया गया, कोर्ट ने दोनों पक्ष की लंबी दलीलों को सुनने के बाद रिमांड मंजूर किया है।
क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने मेहसाणा की विसनगर तहसील के दवाडा गांव के एक फॉर्म हाउस से शुक्रवार को भूपेन्द्रसिंह झाला को पकड़ा था। बाद में उसे शुक्रवार रात को गांधीनगर लाया गया। सूत्रों के अनुसार गांधीनगर में आरोपित झाला से घंटों पूछताछ की गई। बाद में शनिवार सुबह मेडिकल जांच के लिए उसे गांधीनगर हॉस्पिटल ले जाया गया था। पोंजी स्कीम के मुख्य आरोपित झाला को मेहसाणा जिले की विसनगर तहसील के दवाडा गांव में अपने फार्म हाउस में आश्रय देने वाले किरण चौहाण को भी पुलिस ने पकड़ा है। चौहाण के राजनीतिक कनेक्शन के साथ ही महाघोटाले में उसकी संलिप्तता की भी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार झाला से पूछताछ में हिम्मतनगर क्षेत्र के लिए रुपये उधार देने वाले का लाइसेंस आरोपित ने लिया था। बीजेड पोंजी स्कीम घोटाले मामले में पुलिस ने अभी तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीआईडी के ईओडब्ल्यू ऑफिस में कर सकेंगे शिकायत
सीआईडी की डीआईजी परीक्षिता राठौड़ ने बताया कि समग्र मामले में शिकायकर्ताओं की शिकायत ली जाएंगी। इसके लिए उन्हें सीआईडी की ईओडब्ल्यू ऑफिस में शिकायत करनी होगी। लोगों के रुपये वापस आएंगे या नहीं, इस संबंध में डीआईजी ने बताया कि इस संबंध में अभी पूछताछ के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
कौन है झाला
भूपेंद्र सिंह झाला (30 वर्ष) साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के झालानगर (भुखियाडेरा) निवासी है। झाला ने लोक-लुभावनी स्कीम की शुरुआत साल 2016 में अपने गृह जिले साबरकांठा से की थी। झाला ने पहले बीजेड इंटरनेशनल ब्रोकिंग कंपनी से शुरूआत की, उसके बाद बीजेड संस्कार स्कूल और बीजेड ग्लोबल एजुकेशन कैंपस खोलकर शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया था। झाला खुद को बीजेड ग्रुप का सीईओ बताता था। झाला की राजनीतिक क्षेत्र में बड़े नेताओं के साथ नजदीकी के कारण इस बड़े घोटाले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
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