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उषा मार्टिन माइंस घोटाला में कोर्ट ने रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार के खिलाफ जारी किया समन

कोर्ट फ़ाइल फ़ोटो

रांची, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । सीबीआई की विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने गुरुवार को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सह पूर्व विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह के खिलाफ समन जारी किया हैं। उषा मार्टिन माइंस आवंटन घोटाला से जुड़े मामले में अरुण कुमार के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अरुण कुमार सिंह काे समन जारी किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 20 दिसंबर काे हाेगी है।

यह मामला वर्ष 2005 में उषा मार्टिन को लाभ पहुंचाने के लिए माइंस आवंटन से जुड़ा हैं। इसमें अरुण कुमार सिंह के अलावा तत्कालीन खनन निदेशक इंद्रदेव पासवान और ऊषा मार्टिन कंपनी के प्रबंधन से जुड़े तीन लोगों के नाम भी आरोपितों में शामिल हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) से मुकदमा दर्ज करने की इजाजत मांगी थी। इसको लेकर सीबीआई ने झारखंड सरकार को भी पत्र लिखा था, लेकिन लगभग एक साल बीत जाने के बाद भी मुकदमा दर्ज करने की स्वीकृति नहीं दी गयी। इसके बाद कोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया हैं और इस मामले में कोर्ट ने समन जारी कर दी हैं।

क्या है पूरा मामला

सीबीआई के अनुसार आयरन ओर माइंस आवंटन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ हैं, जो झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के घाटकुरी में स्थित है। यह माइंस वर्ष 2005 में उषा मार्टिन नामक कंपनी को आवंटित की गयी थी। आरोप है कि माइंस के आवंटन में नियमों का उल्लंघन किया गया था। उस वक्त आईएएस अरुण कुमार सिंह राज्य में माइंस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी थे। गड़बड़ियों की शिकायत पर सीबीआई की दिल्ली इकाई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत में वर्ष 2016 में एक एफआईआर दर्ज करायी थी। इसमें उषा मार्टिन के प्रमोटरों और खनन विभाग के अधिकारियों को आरोपित बनाया गया था। इस एफआईआर में कहा गया है कि खदान के आवंटन के लिए केंद्र सरकार को जो सिफारिश भेजी गई थी, उसमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने उषा मार्टिन के पक्ष में पक्षपात किया। कंपनी ने कथित तौर पर वादा किया था कि वह हाट गम्हरिया में स्थित अपने इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क का उपयोग करेगी। इसको लेकर कंपनी ने राज्य सरकार को एक अंडरटेकिंग भी दिये थे, लेकिन वर्ष 2012 में कंपनी ने इसे बेचने का विज्ञापन अखबार में निकाल दिया था। इस पर विभाग ने आपत्ति भी जताई थी। इस दौरान करोड़ों रुपये का खेल खेला गया। इसके बाद अब सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन माइंस सेक्रेटरी अरुण कुमार सिंह पर एफआईआर की इजाजत मांगी थी।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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