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सीएम को अदालत ने दी विदेश जाने की सशर्त अनुमति

कोर्ट

जयपुर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को 13 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक जर्मनी और यूके जाने की सशर्त अनुमति दे दी है। अदालत ने यह आदेश सीएम भजनलाल शर्मा के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए। अदालत ने कहा है कि विदेश जाने से पूर्व यात्रा का विवरण अदालत में पेश किया जाए। इसके अलावा विदेश यात्रा से आने पर इसकी सूचना तत्काल अदालत में पेश की जाए। वहीं उनकी अनुपस्थिति के आधार पर अदालत की कार्रवाई में कोई रुकावट नहीं की जाएगी और ना ही अनावश्यक स्थगन लिया जाए।

मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता अश्विनी बोहरा ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि प्रार्थी के खिलाफ एक मामले में 30 सितंबर 2013 को कोर्ट में चालान पेश किया था। यह मामला पिछले 11 साल से पेंडिंग चल रहा है। प्रार्थी प्रदेश का मुख्यमंत्री हैं और उन्हें अक्सर राजकार्य से बाहर जाना पड़ता है। उन्हें राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के तहत विदेशी निवेशकों से चर्चा व संवाद और प्रदेश में निवेश के निमंत्रण के लिए यूके व जर्मनी की यात्रा करनी प्रस्तावित है। ऐसे में उन्हें राजकार्य के हितार्थ 13 से 25 अक्टूबर तक यूके और जर्मनी की यात्रा का कार्यक्रम भी तय हो गया है। वे राजकार्य करने के बाद बिना देरी किए वापस आ जाएंगे। पूर्व में भी इस संबंध में एक व्यक्ति सांवरमल ने एक प्रार्थना पत्र पेश किया था जो कोर्ट में पेंडिंग है। उन्होंने अग्रिम जमानत की शर्तों की अवहेलना नहीं की है। केस में कोई नया विवाद या नई पेचिदगियां पैदा नहीं हो, इसके लिए कोर्ट से विदेश जाने की मंजूरी लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया है। इसलिए उन्हें विदेश जाने की मंजूरी दी जाए। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान सांवरमल की ओर से प्रार्थना पत्र की कॉपी दिलाने की गुहार की। इस पर अदालत ने सीएम के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए कहा कि वे प्रकरण के प्रासंगिक व्यक्ति नहीं है। इसलिए उन्हें प्रार्थना पत्र की कॉपी उपलब्ध कराने का कोई आधार नहीं है। गौरतलब है कि भरतपुर के गोपालगढ में सितंबर 2011 में हुए साम्प्रदायिक दंगा मामले में भजनलाल शर्मा व अन्य के खिलाफ 20 सितंबर, 2013 को धारा 353 सपठित धारा 34 आईपीसी में आरोप पत्र पेश हुआ था। अदालत ने सीएम शर्मा सहित अन्य आरोपियों को 10 सितंबर, 2013 को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी। जिसमें यह शर्त भी थी कि वे कोर्ट की मंजूरी लिए बिना विदेश यात्रा नहीं करेंगे। गत दिनों उनके विदेश जाने पर सांवरमल नाम के व्यक्ति ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर उनके बिना अनुमति विदेश जाने को आधार बनाकर अग्रिम जमानत को रद्द करने की गुहार भी कर रखी है।

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(Udaipur Kiran)

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