जम्मू,4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने आज निर्देश दिया कि आरक्षण नियमों के तहत की गई कोई भी नियुक्ति नियमों को अमान्य घोषित करने की मांग वाली याचिका के परिणाम के अधीन होगी। कोर्ट नियमों को अमान्य घोषित करने की मांग करने वाले 5 व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मामले में एडवोकेट जनरल से सहायता मांगी है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि अधिकारियों द्वारा 2005 के आरक्षण नियमों में संशोधन के कारण जम्मू-कश्मीर सरकार की भर्ती के पदों और शैक्षणिक संस्थानों में ओपन मेरिट के लिए सीटों का प्रतिशत 57 प्रतिशत से घटकर 33 प्रतिशत हो गया है, पिछड़े क्षेत्र के निवासियों (आरबीए) का 20 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गया है जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) में आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत, सामाजिक जाति का 2 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत और एएलसी का 3 प्रतिशत से बढ़कर 4 प्रतिशत हो गया है।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता