झांसी, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने 27 मई 2024 को दो किशोरियों के साथ हुए गैंगरेप की घटना के आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया। बताया गया कि अपराध काफी जघन्य है, जमानत देने योग्य नहीं है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि 16 जून 2024 को एक व्यक्ति ने समथर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 26 मई 2024 को वह बाहर मजदूरी करने गया था। घर पर उसकी नाबालिग पुत्री और बड़ी बेटी मौजूद थी। तभी शौकीन खान, आकिब खान और साहिल ने एक राय होकर उसकी पुत्रियों को गंदी गंदी गाली गलौज करते हुए अश्लील हरकते की और दुष्कर्म की घटना की अंजाम देकर भाग गए थे। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था। इस प्रकरण में तीन आरोपियों को जेल भेज दिया था। आज जेल में निरुद्ध अभियुक्त आकिब खान की जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। इसका शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने विरोध करते हुए न्यायालय से आग्रह किया कि अपराध काफी घिनौना है और यह जमानत देने योग्य नहीं है। न्यायलय ने शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाहा की अपील को स्वीकार करते हुए आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया