Haryana

हिसार के चर्चित रमलू हत्याकांड में अदालत ने फैसला टाला

1.41 करोड़ बीमा क्लेम पाने के लिए रची थी खुद की हत्या की साजिश

पुलिस ने कड़ियां जोड़ते हुए मुख्य आरोपी को सप्ताह में ही दबोचा

हिसार, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । जिले के उपमंडल हांसी क्षेत्र में वर्ष 2020 में

हुए रमलू हत्याकांड पर अदालत ने सजा का फैसला टाल दिया है।

जिला एवं सत्र न्यायालय

अब इस मामले में 28 फरवरी को सजा सुनाएगा। अदालत में चले 6 अक्टूबर 2020 के मामले में पहले गुरुवार को सजा सुनाई जानी

थी लेकिन इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। पुलिस के अनुसार इस संबंध में राममेहर मुख्य

साजिशकर्ता है, जिसे कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

इसके अलावा साजिशकर्ता का साथ देने

के लिए महिला रानी और सुनीता को भी दोषी करार दिया गया है। मामले के अनुसार हांसी में

व्यापारी राममेहर ने 1.41 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम पाने के लिए खुद की हत्या की साजिश

रची थी। खुद को मृत घोषित करने के लिए उसने अपने ही गांव डाटा के अपने ही नाम के व्यक्ति

राममेहर उर्फ ​​रमलू को ढूंढा। इसके बाद उसकी हत्या की साजिश रची। उसे अपने साथ कार

में बैठाया और शराब पिलाई, फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वह अपने परिजनों

को फोन करता रहा था कि बदमाश मेरे पीछे लगे हैं और मुझे मारना चाहते हैं। हत्या दिखाने

के लिए राममेहर ने 9 लाख रुपए नकद भी निकाल लिए थे। इसके बाद आरोपी ने कार को बाहर

से लॉक कर उसमें आग लगा दी थी। मगर, इसमें छोड़े गए सबूतों के आधार पर ही पुलिस को उसे

पकड़ने में सफलता मिली थी।

मामले के अनुसार पुलिस को हांसी क्षेत्र के महजत-भाटला रोड पर एक व्यक्ति के

कार में जिंदा जलने की सूचना मिली थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कार जल रही थी और

उसमें ड्राइवर सीट के बगल में बैठा व्यक्ति कंकाल बन चुका था। कार की नंबर प्लेट के

आधार पर जले व्यक्ति की शिनाख्त डाटा गांव के राममेहर के रूप में हुई थी। हत्या के

करीब एक सप्ताह बाद ही हांसी पुलिस ने इस मामले में खुलासा कर दिया था कि गांव के ही

व्यापारी राममेहर ने बीमा राशि हड़पने के लिए अपने ही नाम के राममेहर उर्फ ​​रमलू की

हत्या की है। हांसी पुलिस ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से आरोपी को गिरफ्तार किया था।

व्यापारी राममेहर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था। पीएनबी और

एसबीआई से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के लोन के अलावा भी लाखों रुपए का कर्ज राममेहर के

सिर था। यह कर्ज करीब डेढ़ से दो करोड़ था। केवल 10वीं पास डाटा गांव निवासी राममेहर

जल्द अमीर बनना चाहता था।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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