
बीकानेर, 15 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । चेक अनादरण के मामले में न्यायालय ने आरोपित को दोषमुक्त करते हुए बड़ी राहत प्रदान की है।
मामले के अनुसार परिवादी नरेन्द्र सिंह झाला और आरोपित प्रेमरतन बिश्नोई के बीच अच्छी जान पहचान व मधुर संबंध होने के कारण अभियुक्त ने परिवादी से व्यवसाय करने के लिये रुपये तीन लाख उधार देने का प्रस्ताव रखा और कहा कि वह तीन लाख रुपये की राशि 11 माह में वापिस लौटा देगा जिस पर परिवादी ने अभियुक्त से अच्छे संबंध तथा पूर्व के लेनदेन में अभियुक्त का अच्छा व्यवहार देखकर अभियुक्त को तीन लाख रुपये उधार दिए। बाद में परिवादी ने अभियुक्त से तकादा किया तो अभियुक्त ने अपनी बैंक यूको शाखा सी/23 समता नगर बीकानेर का अपने खाता संख्या का एक चेक रुपये तीन लाख का हस्ताक्षरित कर दिया। परिवादी ने उक्त चैक को अपनी बैंक एस.बी.बी.जे/एस.बी.आई की शाखा आर.सी.पी. कॉलोनी बीकानेर में लगाया लेकिन चेक बाउंस हो गया जिस पर परिवादी ने तीन लाख रुपये का भुगतान प्राप्त करने के लिए कोर्ट में केस दायर किया लेकिन एन आई कोर्ट संख्या 2 की पीठासीन अधिकारी भारती पाराशर ने बाद सुनवाई अभियुक्त को दोषमुक्त करते हुए कहा कि परिवादी अपनी हैसियत साबित नहीं कर पाया कि उसने आरोपित को तीन लाख रुपए वास्तव में उधार दिए हो जबकि परिवादी ने जो अपनी सालाना आयकर विवरण पेश किया उसमें सालाना आय ही 81 हजार रुपए बताई गई। मामले में आरोपित की ओर से पैरवी एडवोकेट लालचंद सुथार ने की।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
