Assam

मेधावी छात्र-छात्राओं को युगल किशोर एवं रामदुलारी मालपानी स्मृति मेधा पुरस्कार सम्मान

गुवाहाटी स्थित विष्णुपथ शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन में आयोजित युगल किशोर एवं रामदुलारी मालपानी स्मृति मेधा पुरस्कार समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए अतिथि एवं पदाधिकारीगण।
गुवाहाटी स्थित विष्णुपथ शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन में आयोजित युगल किशोर एवं रामदुलारी मालपानी स्मृति मेधा पुरस्कार समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए अतिथि एवं पदाधिकारीगण।

गुवाहाटी, 4 मई (Udaipur Kiran) । हाल ही में घोषित हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा (एचएसएलसी) और हायर सेकेंडरी (एचएस) में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन स्कूलों के उत्कृष्ट परिणामों ने असम में मातृभाषा आधारित शिक्षा की प्रतिष्ठा को कई गुना बढ़ा दिया है।

इसी उपलक्ष्य में, विद्या भारती से संबद्ध शिशु शिक्षा समिति, असम द्वारा गुवाहाटी के जू रोड स्थित बिष्णुपथ शंकरदेव शिशु विद्या निकेतन के रजनीकांत देव शर्मा स्मृति सभागृह में मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए अभिनंदन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गंगा प्रसाद प्रसैन, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष तथा मालपानी परिवार के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ हुई। सभा की अध्यक्षता कर रहे डॉ. प्रसैन के समक्ष शिशु शिक्षा समिति, असम के महासचिव जगन्नाथ राजवंशी ने प्रस्तावना भाषण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर सेवानिवृत्त एयर वाइस मार्शल संजीव बरदलै ने विद्या भारती के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इसकी शिक्षा प्रणाली देश के मानव संसाधन निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मुख्य अतिथि के रूप में असम सरकार के उच्च शिक्षा सलाहकार देबब्रत दास ने अपने संबोधन में कहा कि विद्या भारती की संस्कारयुक्त शिक्षा राष्ट्र के लिए सुशिक्षित नागरिक तैयार कर रही है। अध्यक्ष कुलेंद्र कुमार भगवती एवं सरोज मालपानी ने भी सभा को संबोधित किया।

गंभीर एवं गरिमापूर्ण इस समारोह में 95 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं, पहली बार 100 फीसदी परिणाम देने वाले निकेतनों के प्राचार्यगण तथा 100 फीसदी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण निकेतनों के प्राचार्यों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण की जिम्मेदारी बिरुबारी शंकरदेव शिशु निकेतन के प्राचार्य अरूप बुजरबरुवा ने निभाई।

शिशु शिक्षा समिति, असम के प्रचार प्रमुख मुकुटेश्वर गोस्वामी द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष ब्रह्मपुत्र घाटी स्थित 529 निकेतनों में से 330 निकेतन हाई स्कूल परीक्षा में सम्मिलित हुए। कुल 9960 परीक्षार्थियों में से 94.03 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए। इनमें से 168 निकेतनों के छात्र-छात्राएं 100 फीसदी उत्तीर्ण हुए। 541 छात्रों को डिस्टिंक्शन, 1670 को स्टार मार्क प्राप्त हुआ। प्रथम श्रेणी में 6143, द्वितीय में 2857 तथा तृतीय श्रेणी में 365 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए। 12180 छात्रों को विभिन्न विषयों में लेटर मार्क्स तथा कई ने 100 फीसदी अंक भी प्राप्त किए।

उच्चतर माध्यमिक परीक्षा परिणामों में कुल 692 परीक्षार्थियों में से 657 उत्तीर्ण हुए, जिसमें उत्तीर्ण प्रतिशत 95 फीसदी रहा। 44 निकेतनों में से 34 निकेतनों ने 100 फीसदी परिणाम दिया। 19 छात्रों को डिस्टिंक्शन, 68 को स्टार मार्क, 300 को प्रथम श्रेणी, 250 को द्वितीय श्रेणी एवं 107 को तृतीय श्रेणी प्राप्त हुई।

विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष कुलेंद्र कुमार भगवती, सचिव जगन्नाथ राजवंशी, संगठन सचिव निरव घेलानी सहित समस्त अधिकारियों, पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों ने सभी विद्यार्थियों को उनकी सफलता के लिए हार्दिक बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके साथ ही निकेतनों के संचालन में लगे कार्यकर्ताओं, समर्पण भाव से सेवा देने वाले प्राचार्यों व शिक्षकों को भी कृतज्ञता प्रकट की गई।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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