CRIME

पार्षद ने पालिकाकर्मी से मिल कर जारी करवाए आठ फर्जी पट्टे, दोनों गिरफ्तार

जिले की निंबाहेड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किए धोखाधड़ी के आरोपित।

चित्तौड़गढ़, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । वैसे तो स्थानीय निकायों में फर्जीवाड़े की खबरें सामने आती है। मिली भगत कर आवश्यक दस्तावेजों की बिना पूर्ति के भी पट्‌टे बनाने और फर्जीवाड़ा करने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन जिले की निम्बाहेड़ा नगरपालिका के पार्षद ने तो फर्जी काम करने की हद ही कर दी। बिना किसी फाईल और दस्तावेज के भूमि रूपान्तरण करते हुए फर्जी पट्‌टे ही बना डाले। इस मामले का खुलासा होने पर एफआईआर हुई तो रुपये वापस लौटाते हुए उस पर पुलिस से मिली भगत कर एफआर लगवा दी। लेकिन न्यायालय में संज्ञान लेते हुए उच्चाधिकारियों से इसकी जांच कराई इस मामले में नगरपालिका के पार्षद और संविदाकर्मी को गिरफ्तार किया गया है।

निम्बाहेड़ा के पुलिस उप अधीक्षक बद्रीलाल राव ने बताया कि निम्बाहेड़ा इशक्काबाद निवासी भानूप्रताप नगर पालिका का पार्षद है। साथ ही यह प्रोपर्टी डीलिंग का भी काम करता है। नगरपालिका के पार्षद होने के कारण पालिका में काम करने वाले संविदाकर्मी जावेद से उसकी अच्छी जान-पहचान थी। इसी का फायदा उठाते हुए भानूप्रताप ने बिना किसी दस्तावेज और आवश्यक खाना पूर्ति के भूमि रूपान्तरण की योजना बनाई। भानूप्रताप ने निम्बाहेड़ा के ही एक पूर्व पुलिस अधिकारी की पुत्री डिपनेस कंवर की कृषि भूमि को रूपान्तरण कराने और पट्‌टे बनवाने के लिए उनसे रुपये ले लिए। नगरपालिका के संविदाकर्मी के साथ मिल कर फर्जी पट्‌टा निकाल कर उन्हें दे दिया। मामले का खुुलासा तब हुआ जब उन्होंने हस्तान्तरण के लिए पालिका में आवेदन किया तो नगरपालिका ने पट्‌टा फर्जी होने की बात कह कर आवेदन लौटा दिया। इसके बाद संबंधित प्रार्थी ने पुलिस में मामला दर्ज किया। लेकिन प्रार्थी काे रुपये लौटा कर पुलिस से मिली भगत कर न्यायालय में एफआर प्रस्तुत कर दी।

न्यायालय ने लिया संज्ञान, जांच में खुलासा

एफआर पेश होने के बाद न्यायालय ने जब तथ्यों का अंवेषण किया तो फर्जीवाड़ा होने पर आदेश दिया कि इस मामले की जांच वृत्ताधिकारी स्तर के अधिकारी से कराई जाए। इस पर निम्बाहेड़ा के पुलिस उप अधीक्षक बद्रीलाल राव ने दस्तावेज का अध्ययन किया। जांच कर पालिका के संविदाकर्मी जावेद को पकड़ कर पूछताछ की तो उसने फर्जी पट्‌टे भानूप्रताप के कहने पर बनाने की बात कबूल ली। इस मामले में यह भी जानकारी मिली कि इसके अतिरिक्त और भी पट्‌टे फर्जी बनाये थे। इस मामले में भानूप्रताप को भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि भानूप्रताप पर अजमेर जीआरपी थाने में डोडा चूरा तस्करी का भी मामला दर्ज है।

कम्प्यूटर के प्रोफार्मा में बनाने थे पट्‌टे, चैयरमेन, ईओ के भी साइन फर्जी

पुलिस उपाधीक्षक बद्रीलाल राव के अनुसार पार्षद भानुप्रताप और संविदाकर्मी जावेद कम्प्यूटर में फीड पट्‌टे के प्रोफार्मा में नाम पते भर कर उस पर चैयरमेन और ईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर पट्‌टे निकाल देते थे। ऐसे उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा पट्‌टे बनाये थे। पुलिस अब इस मामले में जावेद से पट्‌टे बरामद कर रही है, जिन्हें एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / अखिल तिवारी / संदीप माथुर

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