Madhya Pradesh

मंत्री-परिषद ने मध्य प्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 को दी मंजूरी

मंत्रि-परिषद की बैठक

– प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए बायोफ्यूल योजना-2025 का किया अनुमोदन

भोपाल, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले हुई इस बैठक में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश और निवेशकों के हित में सात नीतियों को मंजूरी दी गई। इनमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी, एमएसएमई, ईवी, स्टार्टअप, विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अविकसित भूमि आवंटन नीति शामिल हैं। मंत्री-परिषद ने मध्य प्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी है, साथ ही प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए बायोफ्यूल योजना-2025 का किया अनुमोदन किया है।

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में नये वायु मार्गों का विकास करने और देश के अन्य हिस्सों तथा दुनिया के साथ राज्य के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक स्थानों को जोड़कर पर्यटन/धार्मिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार की उड़ान (राष्ट्रीय नागर विमानन प्रोत्साहन नीति) योजना के समन्वय से मध्य प्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन दिया गया हैं। इससे व्यापार और रोजगार के अवसरों के सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

मध्य प्रदेश राज्य भौगोलिक दृष्टि से बड़ा है, देश के मध्य में स्थित होने से यहां औद्योगिक, पर्यटन धार्मिक क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। नीति के तहत राज्य के सामाजिक, आर्थिक विकास को गति देने के लिये आधुनिक, किफायती, सुलभ, सुरक्षित एवं निवेश-अनुकूल विमानन इको सिस्टम विकसित किया जायेगा। विमानन नीति के माध्यम से भविष्य में तीन एमआरओ हब विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही 75 कि.मी. के दायरे में एक हवाई पट्टी और 150 कि.मी के दायरे में एक हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा एवं प्रत्येक तहसील स्तर पर 45 कि.मी. के दायरे में कम से कम एक पक्का हेलीपेड विकसित किया जायेगा। राज्य की पर्यटन/धार्मिक महत्व के स्थलों को वर्ष 2030 तक मजबूत एवं किफायती दामों में हवाई सम्पर्क से जोड़ा जायेगा। प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करना तथा एयरो स्पोर्ट्स प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए पूंजीगत व्यय पर निजी निवेशकों को सब्सिडी अनुदान दिया जायेगा। एयर कार्गो सुविधाएँ विकसित कर राज्य में कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित किया जायेगा।

विभिन्न सहायक विमानन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया जायेगा। प्रदेश में एयर क्रॉफ्ट की रात्रिकालीन पार्किंग करने वाले एयर क्रॉफ्ट पर एटीएफ पर वेट एक प्रतिशत की दर से प्रभावी किया जायेगा। प्रदेश में कैपेसिटी बिल्डिंग एवं कौशल विकास के लिए, उड़ान प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना के लिए, पूंजीगत निवेश राशि की 40% तक निवेश प्रोत्साहन सहायता का प्रावधान किया जायेगा।

विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर प्रदेश में कृषि उत्पादों के निर्यात, अन्य क्षरण योग्य वस्तुओं (पेरिशेवल वस्तुओं) के निर्यात, विनिर्माण और ई-कॉमर्स कारोबार को बढ़ावा देने के साथ, कुशल मानव संसाधन विकसित करने एवं प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और रोजगार के अवसर सृजित करने में सहायता मिलेगीं। राष्ट्रीय नागर विमानन प्रोत्साहन नीति-2016 की परिकल्पना को साकार करने के लिये मध्य पदेश नागर विमानन नीति-2025 एक पहल है।

जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए बॉयो फ्यूल योजना-2025 का अनुमोदन

विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा मध्य प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 अंतर्गत प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए बॉयो फ्यूल योजना-2025 का अनुमोदन किया गया। योजना अंतर्गत बॉयोफ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट एवं बायो ऊर्जा संयंत्रों के लिए कई लाभ प्रदान किये गये है। साथ ही साथ इसमें किसान संस्थाओं को कृषि उपकरण के लिए सब्सिडी, बॉयो मास एवं खाद की बिक्री सुनिश्चित करना एवं सप्लाई चैन को विकसित किया जायेगा। बॉयो फ्यूल उत्पादन सफल स्थापना के लिए भूमि प्राथमिकता पर दी जाएगी। बॉयो मास उत्पादन के लिए सरकारी भूमि के उपयोग की अनुमति कलेक्टर दर के 10% की राशि के वार्षिक शुल्क पर दी जाएगी। बॉयो फ्यूल योजना में मुख्यत बॉयो सीएनजी, बॉयो मास ब्रिकेट एवं पेलेट और बायोडीजल इत्यादि ईधन एवं उत्पादन के सभी पहलू शामिल है, जैसे फीडस्टॉक खेती, उत्पादन तकनीक, वितरण और उपयोग को शामिल किया गया हैं।

योजना अंतर्गत मुख्य प्रोत्साहन के रूप में बॉयो फ्यूल यूनिट को 1200 करोड़ रुपये तक का बुनियादी निवेश प्रोत्साहन के साथ बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, सड़क, जल निकासी, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (ईटीपी, एसटीपी, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण) इत्यादि के विकास के लिए लिए 50 प्रतिशत प्रोत्साहन अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक सहायता दी जायेगी। विद्युत शुल्क एवं ऊर्जा विकास उपकर में दस साल तक छूट दी जायेगी। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर अनुकूलित पैकेज दिया जायेगा। साथ ही आईपीआर एवं क्वालिटी कंट्रोल सहायता का प्रोत्साहन भी दिया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि बॉयो फ्यूल योजना राज्य को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने में योगदान देगी साथ ही साथ इससे कृषि एवं जैव अपशिष्ट का सही उपयोग होगा एवं हरित ऊर्जा उत्पादित होगीं। बॉयो फ्यूल की ऊर्जा आपूर्ति एवं कार्बन उत्सर्जन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। योजना द्वारा प्रदेश अपनी कृषि शक्ति का लाभ उठाकर और नवाचार को बढ़ावा देकर, प्रदेशवासियों के लिए हरित और समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहा है।

मध्य प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में गत वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2012 में स्थापित लगभग 500 मेगावाट क्षमता आज लगभग 14 गुना बढकर 7000 मेगावाट से अधिक हो गई है। अब तक सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है मध्य प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है, अब फसल के कटने के बाद अवशेष से जंगल के अनुपयोगी घास नगरीय अपशिष्ट आदि से भी ऊर्जा के अन्य प्रकार जैसे बॉयो सी.एन.जी. ब्रिकेट, पैलेट व बॉयो डीजल को भी बनाया जाना एवं इन्हें प्रोत्साहन दिया जायेगा। हाईड्रोजन को भविष्य की ऊर्जा माना जा रहा है जिससे इस क्षेत्र में भी प्रगति संभव हो सकेगी। इन सभी प्रयासों से जहाँ एक ओर विदेशी मुद्रा की बचत होगी वहीं दूसरी ओर पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी। यह नीति प्रदेश सरकार के ग्रीन ऊर्जा और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति गंभीरता का द्योतक है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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