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कॉर्पोरेट मंत्रालय ने लंबित मामले कम करने के लिए उठाए हैं कदम : सीतारमण

लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्‍ली, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्‍त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि अपीलीय न्यायाधिकरणों की अधिक संख्या में जरूरत है, जिसे पूरा करने का काम किया जा रहा है।

वित्‍त मंत्री ने आ‍र्थिक सर्वेक्षण 2023-24 संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश करने के बाद पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सीतारमण ने कहा कि 15 जुलाई, 2024 तक विभिन्न न्यायालयों में वापसी के लिए 6,294 आवेदन दायर किए गए हैं।

सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि व्यापार करने में आसानी के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 63 अपराधों को अपराध मुक्त किए जाने के कारण आज कंपनियां अनुपालन की चिंता किए बिना अपना काम कर पा रही हैं। एक केंद्रीय प्रसंस्करण प्रणाली भी स्थापित की गई है। उन्‍होंने सदन को दी जानकारी में बताया कि 15 लाख रुपये तक की अधिकृत पूंजी वाली कंपनियों के लिए निगमन के लिए शून्य शुल्क लाया गया है। यह व्यापार करने में आसानी का एक उदाहरण है जो न्यायालयों में लंबित मामलों को कम करने के साथ-साथ आगे बढ़ रहा है।

वित्‍त मंत्री ने कहा, ‘’मैं सेबी के द्वारा लाए गए सुधारों, विशेष रूप से दावों के निपटान के लिए दी गई समय-सीमा को भी रेखांकित करना चाहती हूं। उन्‍होंने कहा कि यह एक उल्लेखनीय कदम है। हमारे बाजार और कंपनियों को इससे लाभ हुआ है। वास्तव में हम कई अन्य देशों से बहुत आगे हैं, जहां समान कंपनी कानून संचालित होते हैं।

उन्‍होंने कहा कि मैं माननीय सांसद से सहमत हूं कि एनसीएलटी और एनसीएलएटी में स्टाफ की नियुक्ति और रिक्तियों को भरना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हम हल करने का प्रयास कर रहे हैं। हम समय-समय पर साक्षात्कार आयोजित कर रहे हैं। पदों के लिए विज्ञापन दे रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि हमें विभिन्न कंपनी कानून न्यायाधिकरणों में नियुक्त करने के लिए सही सदस्य मिलें। यह सच है कि तमिलनाडु में एक एनसीएलएटी है।

वित्‍त मंत्री ने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि अभी के लिए, कम से कम दक्षिणी राज्यों को ये पता चल जाएगा कि यह उत्तर में नहीं, बल्कि चेन्नई में स्थित है। यह उद्देश्य पूरा करेगा। मैं इस बात की सराहना करती हूं कि हमें अधिक संख्या में अपीलीय न्यायाधिकरणों की आवश्यकता है। एनसीएलटी और एनसीएलएटी दोनों की नियुक्तियों को हम सभी द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। हम उन्हें तेजी से भरने का प्रयास कर रहे हैं। मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन पदों को भरने का काम अधिक तत्परता से किया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर / रामानुज

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