वाशिंगटन, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने अपने पूर्व छात्र रतन टाटा के निधन पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर डीन जेम्स ने भारत के शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा के जीवन के विभिन्न पक्षों का जिक्र किया है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने योगदान के लिए कृतज्ञता जताई है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट ऐंड प्लानिंग के डीन जेम्स मीजिन यून ने कहा, ”जब रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक किया, तो यह कल्पना करना असंभव था कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकार और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रभाव कई क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में होगा।” विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई. कोटलिकॉफ ने कहा, ”रतन टाटा ने भारत, कॉर्नेल और पूरे विश्व में एक असाधारण विरासत छोड़ी है।”
डीन यून ने कहा, ” रतन टाटा 2006 से 2022 तक तीन बार कॉर्नेल के न्यासी रहे। उन्हें 2013 में कॉर्नेल का आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर नामित किया गया। वो विश्वविद्यालय के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय दानदाता हैं। वो ग्रामीण भारत में गरीबी और कुपोषण को कम करने के लिए छात्रवृत्ति, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी नवाचार के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं।”
विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में टाटा ट्रस्ट के 50 मिलियन डॉलर के सहयोग से टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन की स्थापना हुई। यह दीर्घकालिक शोध पहल थी और भारत के छात्रों के लिए टाटा छात्रवृत्ति प्रदान की गई। 2017 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के 50 मिलियन डॉलर के निवेश से न्यूयॉर्क शहर में कॉर्नेल टेक के रूजवेल्ट द्वीप परिसर में टाटा इनोवेशन सेंटर का निर्माण किया गया।
विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष माइकल आई कोटलिकॉफ़ ने कहा, ”रतन टाटा की उदारता से भारत और उसके बाहर लाखों लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हुआ और कॉर्नेल का वैश्विक प्रभाव बढ़ा।” विश्वविद्यालय ने कहा कि जब रतन टाटा ने आर्किटेक्चर में डिग्री के साथ कॉर्नेल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, तब उनके वैश्विक प्रभाव की कल्पना करना असंभव था। उन्होंने कहा कि ” मैं रतन टाटा के योगदान के लिए कृतज्ञता से भरा हुआ हूं। उनकी दयालुता, उदारता और शाश्वत आशावाद के प्रति गहरा सम्मान भी रखता हूं। उन्होंने भारत और दुनिया भर में जीवन को बेहतर बनाया है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के अलावा गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने एक्स पर लिखा, रतन टाटा के साथ आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की। उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक रहा। वे असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के अध्यक्ष अतुल केशप और इंडियास्पोरा के संस्थापक एमआर रतन टाटा के निधन पर शोक जताया है।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद