
नई दिल्ली, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में आयोजित समारोह में ‘’एआईसीटीई-क्यूआईपी पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन इमर्जिंग एरियाज’’ प्रोग्राम के पहले बैच को सफलतापूर्वक पूरा कराने के लिए 21 मेजबान संस्थानों के समन्वयकों को सम्मानित किया गया। इस पीजी प्रोग्राम का उद्देश्य कोर इंजीनियरिंग विषयों में संकाय सदस्यों के शैक्षणिक विकास को आगे बढ़ाना है। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 500 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
प्रो. टी.जी. सीताराम ने एआईसीटीई-क्यूआईपी पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रोग्राम के माध्यम से प्रदान किया जाने वाला विशेष प्रशिक्षण संकाय सदस्यों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, ब्लॉक-चेन, सेमी-कंडक्टर और अन्य उभरते क्षेत्रों में उन्नत ज्ञान और कौशल से लैस करता है जिसे वे कोर इंजीनियरिंग के अपने छात्रों को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम हमारे संकाय सदस्यों को उभरते क्षेत्रों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस करने के लिए डिजाइन किया गया है। हम स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में संबंधित विषयों को पढ़ाने के लिए संकाय सदस्यों के लिए उभरते क्षेत्रों में एआईसीटीई-क्यूआईपी पीजी सर्टिफिकेट को योग्यता के रूप में भी मान्यता दे रहे हैं। ये संकाय सदस्य कोर इंजीनियरिंग विषयों को लोकप्रिय बनाने में मदद करेंगे।
डेटाविव टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक वेदांत अहलूवालिया ने कहा कि प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से विकसित हो रही है, विशेष रूप से एआई। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में एआई ने उतनी गति से प्रगति की है जितनी तकनीक में पिछले एक दशक में हमने देखी है। इसीलिए यह जरूरी है कि हमारे छात्र भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए एआई और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों में ज्ञान से लैस हों। उन्होंने कहा कि सभी सफलता, नवाचार और प्रगति संस्थानों में, उनके छात्रों और संकाय के माध्यम से शुरू होती हैं। संकाय सदस्य भविष्य के यूनिकॉर्न, भविष्य के लीडर्स और दूरदर्शी व्यक्तियों के निर्माता हैं जो हमारे देश की दिशा को आकार देंगे। इस पीजी प्रोग्राम ने उन्हें अगली पीढ़ी को यह सिखाने के लिए सशक्त बनाया है कि आगे आने वाली चुनौतियों का कैसे समाधान किया जाए जिससे भारत के लिए एक उज्जवल भविष्य को आकार देने में मदद मिले।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई में लॉन्च किया गया एआईसीटीई-क्यूआईपी पीजी सर्टिफिकेट प्रोग्राम हाइब्रिड फॉर्मेट (4 सप्ताह ऑन-कैंपस और बाकी ऑनलाइन) में पेश किया गया था जो कुल 18 क्रेडिट का था। यह प्रतिभागियों को स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तर के पाठ्यक्रमों में शामिल होने में सक्षम बनाता है। आईआईटी, ट्रिपलआईटी और आईआईएससी सहित कुल 21 संस्थानों में 2024 में कार्यक्रम चलाए गए। इसमें रजिस्टर्ड कुल 994 प्रतिभागियों में से 927 ने एआईसीटीई प्रायोजित श्रेणी के तहत कार्यक्रम पूरा किया, जबकि 67 स्व-वित्तपोषित थे। पहला बैच दिसंबर 2024 में पूरा हुआ।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
