धमतरी, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला धमतरी अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन 22 अक्टूबर को प्रदर्शन के बाद रैली निकालकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर प्रीति दुर्गम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
धरना प्रदर्शन के माध्यम से सहकारी समिति के कर्मचारियों ने दो दिन का सामूहिक अवकाश लेकर अपनी मांगों पर शासन का ध्यानाकृष्ट कराया। जिले में 74 सहकारी समितियां है, जिसमें लगभग 600 कर्मचारी कार्यरत है। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष नरेंद्र कुमार साहू ने कहा कि प्रांतीय संगठन के आह्वान पर प्रदेश के 33 जिला मुख्यालयों में लंबित तीन सूत्री मांगों को लेकर समिति प्रबंधक, लेखापाल, लिपिक सह आपरेटर, विक्रेता,भृत्य, चौकीदार समस्त कर्मचारी समितियों में दो दिवसीय अवकाश लेकर काम बंद करके धरने पर बैठे हुए है। प्रदेश के 2058 समितियों द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के कल्याणकारी योजनाओं जैसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कृषक पंजीयन, ईआरपी, केसीसी, आईएस पोर्टल आदि कार्य संपादित कर रहे हैं। तीन जायज मांगें है जिस पर शासन को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। तीन सूत्री मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होने पर चार नवंबर से प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन रायपुर में किया जाएगा। इस अवसर पर बलदेव साहू, ओमप्रकाश साहू, शिवनंदन सेन, कन्हैया लाल साहू, नामदेव चंद्राकर, प्रेमूराम निर्मलकर, कोमल साहू,अरुण सोनवानी, तिजेंद्र साहू सहित 70 से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे।
इन मांगों को लेकर हड़ताल जारी
मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों को कर्मचारियों के वेतनमान व अन्य सुविधाएं लाभ देने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को तीन – तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान राशि देने शीघ्र आदेशित करने की मांग की है। वहीं सेवा नियम 2018 की आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू करें। समर्थन मूल्य धान खरीदी वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य करते हुए आगामी वर्षों के लिए धान खरीदी नीति में वर्णित 16.9 में सूखत मान्य का प्रावधान करते हुए धान खरीदी अनुबंध में परिवर्तन करते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय एवं कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता फसल बीमा आदि को चार गुना बढ़ोतरी कर राशन वितरण पर 500 किलो क्षतिपूर्ति या 5000 रुपये देने की मांग की है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा