हमीरपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि सहकारी सभाएं ग्रामीण विकास और समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने इस दिशा में प्रोफेशनलिज्म, पारदर्शिता और सामूहिकता के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता जताई।
धर्माणी ने शुक्रवार को नादौन के धनेटा क्षेत्र के गांव भदरूं में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास संघ (हिमकोफैड) द्वारा आयोजित ‘सहकारिता से समृद्धि’ विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय सहकारी शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सहकारी सभाओं को केवल राशन की बिक्री तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें अन्य गतिविधियों में भी संभावनाएं तलाशनी चाहिए।
मंत्री ने यह भी बताया कि कई स्वयं सहायता समूह और किसान अच्छे उत्पाद तैयार करते हैं, लेकिन उन्हें बाजार नहीं मिल पाता। सहकारी सभाओं को ऐसे उत्पादों की मार्केटिंग में मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बागवानी विभाग की एचपीशिवा परियोजना और ग्रामीण क्षेत्रों में कोआपरेटिव फार्मिंग के लिए नई संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया।
राजेश धर्माणी ने बताया कि प्रदेश सरकार सहकारी सभाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें एपीएमसी की फीस में छूट देना शामिल है। उन्होंने सहकारिता विभाग को सभी सहकारी सभाओं का लेखा-जोखा ऑनलाइन करने के लिए वेबसाइट विकसित करने का सुझाव भी दिया, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का भरोसा कायम होगा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान चंडीगढ़ के अधिकारी सुनील कुमार, सहकारी सभाओं की सहायक रजिस्ट्रार वीना भाटिया, राज्य सहकारी बैंक के निदेशक डॉ. जगदीश शर्मा और सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक जगदीश कौशल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को सहकारिता के विभिन्न पहलुओं और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला