पटना, 16 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत निर्मित 31 गोदामों तथा 06 कम्पोजिट यूनिट का उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री ने कहा कि समेकित सहकारी विकास परियोजना एक कालबद्ध परियोजना है, जिसकी अवधि 31 मार्च, 2025 है। मंत्री ने सभी 6 जिलों में क्रियान्वित समेकित सहकारी विकास परियोजना के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया कि परियोजना के कार्य को ससमय पूर्ण करें। साथ ही मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे निरंतर जमीनी स्तर पर कार्य का भौतिक निरीक्षण कर कार्य मे तेजी लाएं।
मंत्री ने औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखण्ड में महफिल-ए-कालीन प्राथमिक बनुकार सहयोग समिति का उल्लेख करते हुए उनके कार्या की काफी सराहना की और कहा कि यह समिति काफी अच्छे कालीन का निर्माण कर रही है। ऐसे सहकारी समितियों को प्रोत्सहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के बेतहर संचालन से बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा और लोगों का राज्य से पलायन भी रुकेगा।
वेजफेड, मत्स्य सहयोग समितियां, बुनकर सहयोग समितियां और मधु सहयोग समितियों के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि इसे और भी उचाईयों तक ले जाने का प्रयास जारी रहना चाहिए।
उन्होंने खरीफ विपणन 2024-25 में धान अधिप्राप्ति में पैक्स चुनाव के बाद आई तेजी का स्वागत किया। साथ ही किसानों को पैक्सों एवं व्यापार मंडल के माध्यम से अधिक से अधिक धान बिक्री कर न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाने का आग्रह किया। मंत्री ने विभाग से शुरू किये ऑनलाइन अग्रिम धान बिक्री और शिकायतों के निपटारे के लिए ऑनलाइन सुविधा का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि
समेकित सहकारी विकास परियोना की शुरुआत वर्ष 1988 में राज्य के 2 जिलों सासाराम एवं बक्सर (भोजपुर) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2001 से राज्य के अन्य जिलों को भी इस योजना के तहत आच्छादित करने के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है।
इस योजना के तहत 2001 से अब तक राज्य के 20 जिलों गोपालगंज, मधुबनी, गया, सीतामढ़ी, आरा, छपरा, सीवान, कैमूर, खगड़िया, शिवहर, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, अररिया, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, बेगूसराय, दरभंगा, पश्चिमी चंपारण एवं पूर्णिया में कुल 73792.56 लाख रुपये लागत की मोबाइल परियोजना आच्छादित की गई।
इस योजना के तहत 2001 से अबतक 14 जिलों गोपालगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी, आरा, छपरा, सीवान, गया, कैमूर, खगड़िया, शिवहर, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद और अररिया में परियोजना पूरी हो चुकी है। वर्तमान में राज्य के 06 जिलों मोतिहारी, औरंगाबाद, बेगूसराय, दरभंगा, बेतिया एवं पूर्णियां में परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इन जिलों के परियोजना की विस्तारित अवधि 31 मार्च, 2025 निर्धारित है।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी