
चित्तौड़गढ़, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है उसके बाद से ही चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ (चित्तौड़ डेयरी) में उथल-पुथल मची हुई है। यहां पर प्रबंध संचालक के लगातार तबादले हो रहे हैं। चित्तौड़ डेयरी ने करीब 17 माह में 7 एमडी देख लिए हैं। वह भी तब जब महकमे के मंत्री गौतम दक चित्तौड़गढ़ जिले से ही होकर बड़ीसादड़ी विधायक है और जिले से भली भांति परिचित है। लगातार अधिकारी बदले जाने के कारण चित्तौड़ डेयरी में काम-काज प्रभावित हो रहा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
जानकारी में सामने आया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद चित्तौड़ डेयरी में काफी खींचतान देखने को मिली है। विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में लगातार चित्तौड़ डेयरी सुर्खियों में रही। यहां हुए काम काज की शिकायतें आगे तक हुई और जांच भी बैठी है। कुछ दिनों से अंदरखाने चित्तौड़ डेयरी में शांति दिखाई दे रही थी। लेकिन बुधवार को ही राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के आदेश ने फिर से हलचल मचा दी। इसमें चित्तौड़गढ़ डेयरी के एमडी के रूप में प्रमोद चारण को लगा दिया। इसके बाद फिर चर्चाओं का दौरा शुरू हो गया है। करीब 17 माह में ही चित्तौड़गढ़ डेयरी प्रमोद चारण के रूप में सातवां एमडी देख रही है। लगातार एमडी के हो रहे स्थानांतरण से कहीं ना कहीं चित्तौड़ डेयरी के साथ ही जिले के जनप्रतिनिधियों में खींचतान महसूस की जा रही है। ऐसे में डेयरी के काम प्रभावित हो रहे हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। डेयरी सहकारिता विभाग के के तहत आता है और इसके मंत्री गौतम दक चित्तौड़गढ़ जिले से ही है। दक अपने जिले में संचालित महकमे में स्थिरता नहीं ला पाए।
कोई एक माह रहा तो कोई पांच दिन
चित्तौड़ डेयरी में अधिकारियों का ट्रांसफर का आलम इस स्तर पर रहा कि कोई एक माह में तो कोई पांच दिन में ही बदल गया। चित्तौड़ डेयरी में लगाए गए प्रबंध निदेशक डॉक्टर भरत सिंह का कार्यकाल मात्र 5 दिन का रहा। दो एमडी ऐसे भी हैं जो केवल एक से दो माह में ही स्थानांतरण होकर चले गए।
इस तरह बदलते रहे एमडी
चित्तौड़ डेयरी में एमडी इस तरह बदले कि कर्मचारी भी समझ नहीं पाए। यहां एमडी के पद से 9 अक्टूबर 2023 को मदनलाल रिलीव हुए। इसी दिन डॉ भरतसिंह ने चार्ज संभाला था। भरतसिंह का तीन माह का कार्यकाल रहा और 19 जनवरी 2024 को रिलीव हो गए। नए एमडी के रूप में 20 जनवरी को मदनलाल ने कार्यभार संभाला। इसके एक माह में ही 22 फरवरी को मदनलाल का ट्रांसफर होकर रिलीव हो गए। नए एमडी के रूप सुरेश कुमार सेन ने इसी दिन कमान संभाली। लेकिन 8 माह बाद ही 16 अक्टूबर को उनका भी ट्रांसफर हो गया। वहीं 17 अक्टूबर 2024 को डॉ भरतसिंह ने कमान संभाली। लेकिन इनका दूसरा कार्यकाल मात्र छह दिन का रहा। छठे दिन 22 अक्टूबर को ट्रांसफर आदेश आ गया। वहीं 23 अक्टूबर 2024 को नए एमडी के रूप में बिमल कुमार पाठक ने कार्यभार संभाला। पाठक का भी चार माह में ही ट्रांसफर हो गया और नए एमडी के रूप में श्रीमती प्रमोद चारण ने गुरुवार को कार्य भार संभाल लिया।
दो माह से नहीं बैठे थे पाठक
सूत्रों की माने चार माह के कार्यकाल में एमडी बिमल कुमार पाठक बहुत ही कम चित्तौड़ आए। डेयरी या जनप्रतिनिधियों ने चल रही खींचतान या और कोई कारण माने कि गत दो माह से पाठक चित्तौड़ डेयरी में बैठे ही नहीं थे। इससे कहीं ना कहीं यह माना जा सकता है कि राजनीतिक दबाव अधिक था।
चित्तौड़ डेयरी में कांग्रेस का बोर्ड
चित्तौड़ डेयरी में कांग्रेस समर्थित बद्रीलाल जाट जगपुरा चेयरमैन है, जो कि बड़ीसादड़ी विधानभा से गौतम दक के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं चित्तौड़ डेयरी में पूर्व विधायक एवं पूर्व डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट सिंहपुर का भी काफी दखलंदाजी देखने को मिली है। ऐसे में कहीं ना कहीं राजनीतिक कारणों से चित्तौड़ डेयरी में अस्थिरता मानी जा रही है।
चित्तौड़ डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट जगपुरा ने बताया कि अभी जो एमडी लगाए हैं उन्हें भी अतिरिक्त चार्ज दिया है तथा स्थाई नहीं है। पहले भी एमडी के मामले में यही स्थिति थी। स्थाई एमडी के नहीं बैठने से रूटीन कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसानों व मार्केट का भुगतान नहीं हो पा रहा है। चित्तौड़गढ़ डेयरी की व्यवस्थाएं चरमरा रही है। यह सरकार विफलता है। चित्तौड़गढ़ डेयरी में सरकार में बैठे लोगों का हस्तक्षेप ज्यादा है। इस कारण लगातार एमडी बदले जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
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