धमतरी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ मध्याह्न भोजन मजदूर एकता यूनियन (सीटू) के सदस्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सात अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा। उक्त अवसर पर रसोइया सहायिकाओं के साथ उनके बच्चे भी थे।
सीटू के संरक्षक समीर कुरैशी ने कहा कि, रसोइया की समस्या लगातार उठाते आ रहा है। पूरे हिंदुस्तान में सबसे कम पैसा छत्तीसगढ़ में मिलता है। इनको मात्र 2000 रुपये मिलता है। भाजपा ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सरकार बनने के बाद मानदेय में 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी किया जाएगा। आज तक नहीं किया एक वर्ष होने जा रहे है। रसोइया सहायिकाओं का जून के 15 दिन और जुलाई,अगस्त और सितंबर का मानदेय नहीं मिला है जिससे वे सभी चार महीने से परेशान हैं सभी महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर है। रसोइया सहायिकाओं 15 से 20 अक्टूबर तक पैसा नहीं मिला तो 20 तारीख से सीधे एक महीने के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे। पूरे जिले में 2600 रसोइया सहायिका है। सरकार महिला सशक्तीकरण की बात करती है पर महिलाओं को पैसा नहीं दे रहे। 60 रुपये में रोजी में काम कराते है कलेक्टर दर फैसला हो चुका है उसको लागू नहीं कर रहे। रसोइया उकेश्वरी साहू ने कहा कि तीन माह का वेतन नहीं मिला है। घर चलाने में बहुत दिक्कत हो रहा है। गरीब आदमी है तीन महीने से वेतन नहीं मिलेगा तो घर कैसे चलाएंगे। छोटे बच्चे है उनकी पढ़ाई लिखाई और खाने पीने का सब चीज में दिक्कत होता है। जून का भी 15 दिन का वेतन नहीं मिला है। इस अवसर पर अध्यक्ष अनुसुइया कंडरा, उपाध्यक्ष अहिल्या ध्रुव, महासचिव ललिता साहू, सीता साहू, सचिव बलराम मरकाम, कोषाध्यक्ष जयश्री गोस्वामी, डीहू राम यादव उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा