जबलपुर, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में कहा है पटाखों से हुए प्रदूषण पर कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश का उल्लंघन हुआ है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के संयोजक और याचिकाकर्ता पीजी नाज पांडे ने दायर याचिका में बताया कि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का उल्लंघन सबसे ज्यादा इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में हुआ है। देर रात तक फर्जी ग्रीन पटाखे, सुतली बम,लड़ी बम और जो पटाखे बैन हैं, वो भी फोड़े गए। दीपावली की रात और फिर दूसरे दिन पटाखों से हुए प्रदूषण से सांस लेना भी मुश्किल हो गया था।
उन्होंने याचिका में मांग करते हुए कहा कि धारा 28 के तहत जिम्मेदारी अधिकारियों जिलों के कलेक्टरों और पुलिस एसपी पर सख्त कार्रवाई कर पेनाल्टी लगाई जाए। एवं एनजीटी एक्ट की धारा 25 के तहत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल खुद कार्रवाई करे या अपने आदेश जिला कोर्ट में कार्रवाई के लिए भेजे। एडवोकेट प्रभात यादव का कहना है कि पटाखों की न तो जांच हुई और न ही दोषियों पर कार्रवाई की गई, नतीजतन प्रदूषण बढ़ा। इससे जनता को मूलभूत अधिकारों का हनन हुआ है। दीपावली के बाद मध्यप्रदेश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर करीब तीन गुना तक बढ़ गया था। जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में पिछले 3 साल से पटाखों से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। पूर्व में दायर याचिका में एनजीटी ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर,जबलपुर के कलेक्टरों को कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक