
ऊना, 09 जून (Udaipur Kiran) । भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने मुख्यमंत्री के दौरे से पूर्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डेरा बाबा रूद्रानंद के हॉर्डिंग जमीन पर फेंक कर मुख्यमंत्री और स्थानीय कांग्रेस नेता के फोटो लगाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि जब नशे में धुत्त लोग किसी काम के लिए भेजे जाते हैं तो फिर ऐसा ही काम होता है।
विधायक सत्ती ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले झंडे लगाने के लिए भेजे गए लोगों को एक होटल में बिठाकर पार्टी करवाई गई। उसके बाद इन नशेड़ियों ने शहर भर में डेरा बाबा रूद्रानंद आश्रम के होर्डिंग जमीन पर फेंक कर नेताओं की तस्वीरें टांग डाली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। लेकिन जब चुनाव आते हैं तो कांग्रेस के यही नेता वोटों के लालच में संतों के चरणों में नाक रगड़ने का ड्रामा करते हैं।
विधायक ने कहा कि इतना ड्रामा करने के बावजूद मुख्यमंत्री ने ऊना विधानसभा क्षेत्र की तरफ देखा तक नहीं। विधायक ने कहा कि जिला मुख्यालय के बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र ढाई साल से भवन की तंगी से गुजर रहे हैं। करीब 8.79 करोड़ रुपये की लागत का यह भवन भाजपा सरकार के समय बनाकर लगभग तैयार कर दिया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के पास इसके लोकार्पण तक का समय नहीं है। दूसरी तरफ शहर के महाविद्यालय में भी 11.93 करोड रुपए की लागत से नए अकादमिक परिसर के एक और दो नंबर भवनों का भी लोकार्पण होना था। लेकिन स्कूल और कॉलेज के बच्चों को यह भवन बैठने तक के लिए नहीं दिए जा रहे।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भी उन्होंने उठाया गया, शिक्षा मंत्री से मुलाकात करते हुए भी जल्द लोकार्पण की मांग की गई। आखिर ढाई साल के इंतजार बाद मुख्यमंत्री को ऊना की याद आई तो वह भी बिना लोकार्पण किए वापस चलते बने। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार युवाओं को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की बजाय उन्हें नशा करवा कर गलत हरकतें करने की सीख दे रही है, जिसका उदाहरण लोगों को शहर की सड़कों पर धार्मिक स्थल के फेंके गए होर्डिंग से देखने मिला है। उन्होंने कहा कि यही कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की असलियत है।
विधायक ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को इस कृत्य के लिए तुरंत प्रभाव से डेरा बाबा रूद्रानंद आश्रम के महंत स्वामी हेमानंद महाराज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
