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कांग्रेस कार्य समिति ने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पहुंचने पर डा. मनमोहन सिंह के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धाजलि देते पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खरगे
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कांग्रेस कार्य समिति की शुक्रवार शाम यहां पार्टी मुख्यालय में एक बैठक हुई। इसमें दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। बैठक में शामिल पदाधिकारियों ने डॉ. सिंह के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। कांग्रेस कार्य समिति ने डॉ. मनमोहन सिंह के स्थायी योगदान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

बैठक में पारित प्रस्ताव के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि उनके आर्थिक सुधार, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास का दृष्टिकोण पार्टी को हमेशा प्रेरित करेगा और मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने ईमानदारी, परिश्रम और सहानुभूति के जो आदर्श स्थापित किए, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक दीपस्तंभ बने रहेंगे। पार्टी उनके मूल्यों को अक्षुण्ण रखते हुए एक समृद्ध और एकजुट भारत बनाने की दिशा में काम करेगी। डॉ. सिंह का नेतृत्व और अर्थशास्त्र में उनका योगदान हमेशा जीवित रहेगा और हम सभी को प्रेरित करेगा, ताकि हम अपने महान देश की प्रगति और समृद्धि में योगदान दे सकें।

कांग्रेस कार्य समिति ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया और कहा कि उनके जीवन और कार्यों ने भारत के भविष्य को दिशा दिखायी। डॉ. सिंह , भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक विशाल व्यक्तित्व थे, जिनके योगदान ने देश को रूपांतरित किया और उन्हें विश्वभर में सम्मान प्राप्त हुआ। 1990 के दशक के प्रारंभ में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार थे। अपनी अद्वितीय दूरदृष्टि के साथ उन्होंने ऐसे सुधारों की शुरुआत की, जिन्होंने न केवल देश को भुगतान संकट से उबारा, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए द्वार खोले। उनके द्वारा किए गए विनियमन, निजीकरण और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाले नीतिगत कदमों ने भारत के तेज़ी से विकास की नींव रखी। उनके नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया, जो उनकी प्रतिभा और दृष्टिकोण का प्रमाण है।

पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि देश के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश का नेतृत्व शांति, दृढ़ संकल्प और असाधारण बुद्धिमत्ता के साथ किया। उनका कार्यकाल निरंतर आर्थिक वृद्धि, वैश्विक पहचान और सामाजिक प्रगति से चिह्नित था। उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भारत को इस संकट से बचाने के लिए रणनीतिक उपाय किए। उनके नेतृत्व में महात्मा गांधी नरेगा, शिक्षा का अधिकार, ऐतिहासिक भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, कृषि ऋण माफी और ऋण राहत स्कीम जैसी कई महत्वपूर्ण पहलें हुईं।

उनके नेतृत्व में 93वां संविधान संशोधन हुआ, जिसने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आर्टिकल 15(5) के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम को पारदर्शिता बढ़ाने, वन अधिकार अधिनियम को जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और अपने कार्यकाल में उच्चतम सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर को प्राप्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. सिंह की समावेशी विकास, अंतराष्ट्रीय कूटनीति और आर्थिक आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया, जबकि साथ ही साथ सामान्य नागरिकों की भलाई पर भी ध्यान केंद्रित किया। राजनीतिक नेता के रूप में अपने योगदान के अलावा डॉ. सिंह ने अर्थशास्त्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र और भारतीय रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं में आर्थिक सुधारों की नींव रखी।

बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव एवं संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस महासचिव एवं सांसद प्रियंका गांधी सहित अन्य पार्टी सदस्य उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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