Madhya Pradesh

कांग्रेस ने दाेहराई मंत्री विजय शाह काे बर्खास्त करने की मांग, एक्शन नहीं लेने पर भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस ने दाेहराई मंत्री विजय शाह काे बर्खास्त करने की मांग

भाेपाल, 25 मई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एक बार फिर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग दोहराई है। भाजपा की तरफ से अब तक कोई एक्शन नहीं लेने पर कांग्रेस ने निशाना साधा हैं। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता काे संबाेधित किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की है। अरुण यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई अशोभनीय, अपमानजनक और महिला विरोधी टिप्पणी ने पूरे देश की भावनाओं को गहराई से आहत किया है। कांग्रेस पार्टी इस बयान की घोर निंदा करती है और इसे केवल एक महिला अधिकारी नहीं, पूरे भारतीय सैन्य बल और 140 करोड़ नागरिकों की गरिमा पर हमला मानती है। उन्हाेंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट के आदेश अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी की तरफ से अब तक कोई एक्शन न लिए जाने पर कहा कि सरकार भी सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी जाए। वहीं कांग्रेस ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को हुए 10 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक मंत्री विजय शाह के विवादित बयान के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सवाल यह उठता है कि सरकार आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रही है? उन्होंने यह भी कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि विजय शाह की गलती माफी के लायक नहीं है, तब भी सरकार की चुप्पी संदेह पैदा करती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो कांग्रेस विपक्ष को मिले संवैधानिक अधिकारों का पूरा उपयोग करेगी और हर वैधानिक कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी।

कांग्रेस की मांगें:

1. विजय शाह को अविलंब मंत्रिपद से बर्खास्त किया जाए।

2. उपमुख्यमंत्री देवड़ा व विदेश मंत्री जयशंकर से सफाई ली जाए और सार्वजनिक क्षमा मांगी जाए।

3. प्रधानमंत्री स्वयं देश को यह भरोसा दिलाएं कि भारत की सेना का सम्मान किसी दलगत राजनीति से ऊपर है।

4. इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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