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ईडी की ताजा कार्रवाई पर भड़की कांग्रेस, सिंघवी बोले- कोई धनशोधन नहीं हुआ

नई दिल्लीः 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश

नई दिल्ली, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार पर ईडी की ताजा कार्रवाई को केंद्र की भाजपा सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध और गैर कानूनी करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि इस मामले में कोई धन शोधन नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के ज्वलंत मुद्दों और समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए भाजपा के इशारे पर इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।

सिंघवी ने कहा कि एजेएल कारोबार के दौरान वित्तीय संकट में आ गई। नेशनल हेराल्ड जैसे समाचार पत्र को यही कंपनी चलाती है। कांग्रेस ने समय-समय पर नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र और एजेएल को कर्ज देकर इनके ऋणों का भुगतान किया, जो कि करीब 90 करोड़ रुपये थी। ऐसे में सवाल उठा कि एजेएल का पुनर्निर्माण कैसे किया जाए, जिसमें तय हुआ कि इसे ऋण मुक्त कंपनी बनाया जाए। ऐसे में इस कंपनी के 90 करोड़ के कर्ज को यंग इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी को ट्रांसफर किया गया- जो नई कंपनी थी। ये कर्ज कागजी रूप से ट्रांसफर हुआ, यानी जो कर्ज पहले कांग्रेस का था, वो अब यंग इंडिया लिमिटेड का हो गया था।

सिंघवी ने कहा कि यंग इंडिया नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी (सेक्शन 8 के तहत) बनाई गई। इसके शेयर होल्डर सोनिया गांधी और राहुल गांधी बने। इसके अलावा शेयर होल्डर और डायरेक्टर सैम पित्रोदा, ऑस्कर फर्नांडिस और मोतीलाल वोरा बने। ऐसे में उस कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया। यानी एजेएल के शेयर यंग इंडिया को इश्यू हो गए, जिससे यंग इंडिया, एजेएल की 90-99% शेयर होल्डर बन गई लेकिन इसमें न पैसा ट्रांसफर हुआ, न संपत्ति। इस मामले में बहुत ही अजीब तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। इस कंपनी से कितना भी प्रॉफिट बने लेकिन एक भी पैसा आप डिविडेंड दे ही नहीं सकते- सेक्शन-8 के तहत ये सीधे तौर पर प्रतिबंधित है। इसके अलावा इससे कोई सैलरी, कोई भत्ता भी नहीं दिया गया और न ही कोई संपत्ति खरीदी और बेची गई। इन संपत्तियों का मालिक अभी भी एजेएल ही है, सिर्फ उसकी शेयर होल्डिंग अब यंग इंडिया की है और यंग इंडिया में कुछ निदेशक हैं, जिनको कोई डिविंडेंड भी नहीं मिलता, तो कौन सी मनी लॉन्ड्रिंग हो गई?

नेताद्वय ने सवालिया लहजे में कहा कि इस केस में आरोप यह है कि शेयर होल्डिंग यंग इंडिया को देकर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। इसके अलावा, पैसा और एजेएल की संपत्तियों को निदेशकों और गांधी परिवार ने हड़प लिया है लेकिन सवाल है कि किस निदेशक ने कुछ खरीदा-बेचा या लिया। अगर पैसा मिला, संपत्ति गई तो मनी ट्रेल कहां है? अपराध की आय कहां है? जब एजेएल की संपत्ति उसी की है। एजेएल की संपत्ति कभी यंग इंडिया को ट्रांसफर नहीं हुई। कानूनन जब तक यंग इंडिया वो संपत्तियां नहीं खरीदता है, तब तक संपत्तियों का मालिकाना हक एजेएल के पास ही रहेगा। ऐसे में यंग इंडिया के निदेशक कहां से मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं?

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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