Uttrakhand

कांग्रेस को संविधान बचाओ यात्रा का नहीं नैतिक अधिकार: मथुरादत जोशी

प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मथुरा दत्त जोशी

हरिद्वार, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भाजपा नेता मथुरा दत्त जोशी ने बुधवार को प्रदेश की राजधानी देहरादून में होने वाली कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को संविधान बचाओ रैली करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस कई बार संविधान का गला घोंटकर सविधान विरोधी कार्य कर चुकी है।

प्रेस क्लब हरिद्वार में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री जोशी ने कहा कि आज पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, तीव्र गति से विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एकजुटता से आगे बढ़ रहा है। वहीं अपने नकारात्मक रुख के चलते, कांग्रेस पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों को अपना राजनैतिक भविष्य शून्य की तरफ खिसकता नजर आ रहा है। यही वजह है कि वे हताशा निराशा में लगातार देश में भ्रम और झूठ फैलाने की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी की प्रस्तावित संविधान बचाओ यात्रा भी, देश समाज को बरगलाकर, अराजक माहौल पैदा कर, जनता के आत्मविश्वास को कमजोर करने की इसी साजिश का हिस्सा है। अभिव्यक्ति की आजादी, प्रत्येक पार्टी को भी अपनी बात रखने का अवसर देती है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सब उस समय किया जा रहा है जब देश पहलगाम हमले से दुख और आक्रोश में है। वो पीएम मोदी के नेतृत्व में दुश्मनों को करारा जवाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है। लेकिन कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति नॉन स्टॉप जारी है।

कहाकि देश ने देखा कि किस तरह हाईकोर्ट के निर्णय से खुद का सिंहासन हिलते देख तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को बंधक बनाकर आपातकाल थोप दिया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिकता सभी का गला घोंटने का प्रयास किया। कांग्रेस द्वारा संविधान कुचलने का दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण है, धारा 356 का दुरुपयोग किया गया। इस धारा 356 को कांग्रेस खिलौने की तरह इस्तेमाल करती रही है। उसके राजनीतिक फायदे के लिए बार-बार इसका इस्तेमाल किया। देश में अब तक 124 बार इस धारा का उपयोग हुआ जिसमें अकेले कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोग से चली सरकारों ने 102 बार चुनी हुई सरकारों के दमन में इसका दुरुपयोग किया।

कांग्रेस का संविधान से छेड़छाड़ कर उसे कमजोर करने का तो उसका लंबा और दागदार इतिहास रहा है। आपातकाल में कांग्रेस ने संसद की अवधि भी पांच से बढ़ाकर छह साल कर दी थी और संविधान में बदलाव का ऐसा प्रस्ताव लाया गया था जिसमें इंदिरा गांधी को ताउम्र प्रधानमंत्री बनाने और न्यायपालिका को सरकार की नीतियों के साथ चलने का प्रस्ताव लाया गया था। एक देश में दो संविधान, दो विधान और दो निशान की इसी भावना ने कश्मीर को आतंक की भट्टी में झोंके रखा।

श्री जोशी ने कहा कि राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार के अध्यादेश फाड़ कर संवैधानिक व्यवस्था का सरेआम अपमान किया था। इतना ही नहीं बाबा साहब की 125 वीं जयंती का भी विरोध किया।

पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से पूर्व जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, महामंत्री आशु चौधरी, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा एवं जिला मीडिया प्रभारी नितिन चौहान, सूर्यकांत सैनी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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