RAJASTHAN

ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस ने धरना देकर किया विरोध-प्रदर्शन

जयपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया।

जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । अडानी महाघोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने तथा सेबी चेयरपर्सन को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस के सांसद व विधायक, सांसद व विधायक प्रत्याशी, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि आज का धरना इसलिए हैं क्योंकि मोदी सरकार व भाजपा नेताओं एवं मोदी सरकार के अधिकारियों ने जिसमें संस्था सेबी शामिल है, के साथ मिलकर उद्योगपति अडानी का खजाना भरने का गैरकानूनी कृत्य कर महाघोटाला किया है। इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति से होनी चाहिए। क्योंकि मोदी सरकार ने एवं शेयर मार्केट को रेगूलेट करने वाली संस्था सेबी की मिलीभगत से इस देश में महाघोटाला हुआ है।

उन्होंने कहा कि 70 वर्ष में कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने देशवासियों की मेहनत के साथ कम्पनियां और उद्योग स्थापित किए थे उन पर अडानी को काबिज करवा कर समस्त मुनाफा अडानी की कम्पनियों को देने का कार्य किया गया है। सबको पता है कि केन्द्र सरकार और अडानी उद्योग समूह की मिलीभगत से देश में महाघोटाला हुआ है, जिसकी तह में जाने पर समझ में आता है कि सर्वप्रथम ऑफ श्योर कम्पनियों ने अडानी उद्योग के शेयर बढ़ाने के लिए शैल कम्पनियों का नेटवर्क बनाया गया। इन कम्पनियों के माध्यम से अडानी उद्योग की कम्पनियों के स्टॉक को मैनुप्लेट किया गया, वैल्यू बढ़ायी गयी। दूसरे देशों की शैल कम्पनियों में पैसे डाले गए, उन शैल कम्पनियों ने अडानी समूह की कम्पनियों में निवेश कर शेयर की कीमतें छद्म रूप से बढ़ाने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि इस महाघोटाले में मनी लॉण्ड्रिंग और अकाउण्टिंग फ्रॉड भी किए गए।

उन्होंने कहा कि आज राजस्थान में भी भाजपा सरकार की अजीब स्थिति है। मुख्यमंत्री की मंत्री नहीं मानते, मंत्रियों की विधायक नहीं सुन रहे, विधायकों की जनता नहीं मान रही। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार कौन चला रहा है, सरकार की सर और पांव का पता नहीं। उन्होंने कहा कि अजीब स्थिति है कोई मंत्री इस्तीफा लिए घूम रहा है और डेढ़ माह से मुख्यमंत्री फैसला नहीं कर पा रहे है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री यमुना जल समझौते की बात करते हैं किन्तु सच्चाई यह है कि वे एक बूंद पानी भी हरियाणा से राजस्थान नहीं ला सकते हैं क्योंकि राजस्थान के अधिकारियों को हरियाणा में घुसने नहीं दिया जा रहा है और डीपीआर की बात करने पर इनका फोन काट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के दखल से हरियाणा सरकार से भाजपा की राजस्थान सरकार ने केवल इसलिए समझौता किया ताकि भाजपा हरियाणा चुनावों में लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा से यमुना जल समझौता हो या ईआसीपी को लेकर मध्यप्रदेश से समझौता किया गया हो, एक बात तय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के इशारे पर राजस्थान का हित इन दोनों प्रदेशों के समक्ष बेचने का कार्य किया है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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