
– भाजपा सरकार की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमले की निंदा
मोरीगांव (असम), 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम गुरुवार को मोरीगांव जेल पहुंची। उन्होंने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता रीतम सिंह से मुलाकात की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि असम में हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के इस्तेमाल के लिए रीतम सिंह को अनुचित रूप से जेल में डाल दिया है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और असम विधानसभा चुनावों के मीडिया समन्वयक टीम के प्रमुख चरण सिंह सप्रा, एआईसीसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता निगहत अब्बास और हर्षद शर्मा शामिल थे। टीम ने रीतम सिंह से मुलाकात कर कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें और उनके परिवार को कानूनी और नैतिक समर्थन का पूरा आश्वासन दिया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रीतम सिंह को पहले एक ट्वीट के चलते लखीमपुर में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हालांकि, उस मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन इसके बावजूद असम सरकार ने प्रतिशोध की राजनीति करते हुए मोरीगांव में एक और झूठा मामला दर्ज कर उन्हें फिर से जेल भिजवा दिया। यह घटनाक्रम सरकार के असहिष्णु और बदले की भावना से प्रेरित रवैये को उजागर करता है।
कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की लोकतांत्रिक आवाज़ों को कुचलने की बेशर्म कोशिश बताया। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसे अधिनायकवादी हमलों के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी।
एआईसीसी टीम ने रीतम सिंह को आश्वस्त किया कि सत्य के पक्ष में आवाज उठाने के उनके साहस को भुलाया नहीं जाएगा। टीम ने यह भी बताया कि मामला तुरंत कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व तक पहुंचाया जा रहा है और कानूनी रास्तों से पूरी तरह निपटा जाएगा।
चरण सिंह सप्रा ने कहा, किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता को अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए न तो छोड़ा जाएगा और न ही चुप कराया जाएगा। अगर भाजपा यह सोचती है कि वह प्रतिशोधी राजनीति से कांग्रेस परिवार को डरा सकती है, तो वह गंभीर भूल कर रही है।
राष्ट्रीय टीम ने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को निर्देश दिया है कि रीतम सिंह और उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क बनाए रखें और उन्हें हर तरह का कानूनी, भावनात्मक और आवश्यक सहयोग सुनिश्चित कराएं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दोहराया कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों, नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार में अटूट विश्वास रखती है। किसी युवा राजनीतिक आवाज़ को आलोचना करने के लिए गिरफ्तार करना केवल कांग्रेस पार्टी पर हमला नहीं है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
