भोपाल, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के आव्हान पर शनिवार काे राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर प्रदेश स्तरीय विशाल उपवास कार्यक्रम किया गया। उपवास कार्यक्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव मप्र प्रभारी जितेन्द्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सहित पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त आदि विषेष रूप से उपस्थित रहे।
पूर्व सांसद एवं अभा कांग्रेस की वरिष्ठ पदाधिकारी मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाएं बेहद संवेदनशील मुद्दा है, प्रदेश सरकार के मुखिया इन घटनाओं पर मौन बैठे हैं। यदि यही स्थिति रही तो प्रदेश की बहन-बेटियों का घर से निकलना दूभर हो जायेगा। इन स्थितियों को लेकर प्रदेश पूरे देश ही नहीं दुनिया में बदनाम हो रहा है। सरकार में बैठे लोग महिला सम्मान को लेकर बड़ी-बड़ी बाते करते हैं, लेकिन वास्तविक सच्चाई से नकारा नहीं जा सकता। सरकार महिलाओं को लेकर सख्ती से कदम उठाये, अन्यथा स्थिति और भी भयावह होती जायेगी।
पूर्व मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने मध्यप्रदेश सरकार पर सवाल करते हुये कहा कि महिलाओं, बच्चियों के साथ अपराध के मामले में मध्यप्रदेश अपराध का गढ़ बन गया है। प्रदेश की स्थिति बेहद गंभीर और चिंतनीय है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन महिलाओं पर अत्याचार, दुराचार की घटना सुनने को नहीं मिलती हो। प्रदेष में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है।
मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने आज के उपवास कार्यक्रम का संचालन करते हुये भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। विभा पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ-साथ गृहमंत्री की कुर्सी भी अपने पास रख रखी है, लेकिन वे दोनों कुर्सिंयों की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से असफल और नाकारा साबित हो रहे हैं। कुंभकरण की नींद सो रही सरकार।
प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं, उन्हें अब कोरी बयानबाजी छोड़कर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए। अपराध की घटना घटने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई करना अपनी जगह है, लेकिन असल बात है कि कानून व्यवस्था का ऐसा माहौल प्रदेश में तैयार किया जाए कि अपराधी इस तरह का कदम उठाने से भयभीत हों।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने बयान में कहा कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है। इस अवधि में मध्य प्रदेश में बलात्कार के 3029 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा 3049 महिलाएं छेड़खानी का शिकार हुई और 1445 महिलाएं शारीरिक शोषण का शिकार हुई। प्रदेश में पोस्को से जुड़े अपराधों में 5951 मामले दर्ज किए गए इनमें से बलात्कार के 3641 मामले हैं। महिलाओं और नाबालिग से हुए बलात्कारों को देखें तो प्रदेश में हर दिन 18 बलात्कार हो रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि जबलपुर में 17 साल की लड़की से गैंगरेप, रीवा में कॉलेज छात्रा से बदला लेने के लिए गैंगरेप, मैहर में एक लड़की से गैंगरेप और दतिया में गैंगरेप की वारदातें 24 घंटे के भीतर सामने आई।
दिग्विजयसिंह ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा किसी भी राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा लगता है कि पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार में और अब डॉक्टर मोहन यादव की सरकार में बेटियां लगातार असुरक्षित बनी हुई हैं। महिला सुरक्षा के मामले जब सरकार के सामने लाए जाते हैं तो उसे पर कार्रवाई करने की बजाय भाजपा के नेता कुतर्क करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि अगर मासूम बच्चियों, लाड़ली बहनों और महिलाओं के यौन शोषण की घटनाएं नहीं रूकी तो कांग्रेस प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इसके बाद भी अगर भाजपा की राज्य सरकार बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कदम नहीं उठाती है तो फिर मध्य प्रदेश बंद का आव्हान किया जाएगा। इसके पूर्व महिला कांग्रेस, एनएसयुआई, युवा कांग्रेस द्वारा भी प्रदेष भर में महिला अपराध को लेकर कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे