काेटा, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि समग्र शिक्षा राजस्थान द्वारा सरकारी स्कूलों के पुस्तकालय में भेजी गई विवादित दो पुस्तक अदृश्य लोग लेखक हर्ष मंदर तथा जीवन की बहार लेखक माधव गाडगिल के चयन को लेकर वर्तमान सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इन पुस्तकों का चयन गत कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में केवल दो पुस्तक जोड़ी गई हैं। वैक्सीन की गाथा लेखक सज्जन सिंह यादव और राजस्थानी भाषा की पुस्तक चिड़ी को मोती लादीओ।
उन्हाेंने बताया कि इन दोनों पुस्तकों के अतिरिक्त 99 पुस्तक दिनांक 29 सितंबर 2023 को तत्कालीन चयन कमेटी द्वारा चयनित की गई थी। जिसके अध्यक्ष तत्कालीन शिक्षा सचिव थे। उस समय कुल 105 किताबें दो ग्रुपों में 63 + 42 चयन समिति के अध्यक्ष तत्कालीन शासन सचिव के समक्ष 19 सितंबर 2023 को प्रस्तुत की गई थी । जिनके चयन की स्वीकृति अध्यक्ष द्वारा 29 सितंबर 2023, 30 सितंबर 2023 तथा 3 अक्टूबर 2023 को जारी की गई। इन पुस्तकों के चयन को लेकर सारी जिम्मेदारी तत्कालीन कांग्रेस सरकार, शिक्षा विभाग के शासन सचिव तथा तत्कालीन शिक्षा मंत्री की है। बच्चों को कोविड महामारी की विभीषिका के संदर्भ में जानकारी हो और वह इसके प्रति जागरूक बने इसको लेकर वैक्सीन की गाथा नामक पुस्तक का चयन किया गया है। दूसरी पुस्तक चिड़िया का मोती ला दो, राजस्थानी भाषा की पुस्तक है। जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देना है।
उन्हाेंने बताया कि ये पुस्तकें केवल विद्यालय के पुस्तकालयों में रखे जाने के लिए है। इनका पाठ्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। जानकारी में आने के बाद दोनों विवादित पुस्तकों को वापस मंगवा लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। गोदारा की घटना पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी पुस्तक में प्रकाशित विषय वस्तु की विधिक जांच की जा रही है। कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित