चंडीगढ़, 20 मई (Udaipur Kiran) । कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया है, लेकिन उन्हें सरकार की संवैधानिक बैठकों में शामिल होने के लिए अधिकृत कर दिया है। कांग्रेस नेतृत्व ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है। इस पर पार्टी के अधिकांश विधायकों ने सहमति जताई है। इस निर्णय के बाद मंगलवार काे चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली चयन समिति की बैठक में हुड्डा ने भाग लिया।
हरियाणा राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित आठ सूचना आयुक्तों की नियुक्ति होनी है। इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी आठों पदों के लिए आए आवेदनों की छंटनी के बाद तीन-तीन नामों के पैनल बना चुकी है। ये पैनल मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के पास भेजे जा चुके हैं। चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाता है।
अक्टूबर-2024 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से अभी तक कांग्रेस ने विधायक दल के नेता का फैसला नहीं किया है। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होगा। नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के चलते सरकार संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां नहीं कर पा रही थी। इसीलिए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान को पत्र लिखकर उनसे किसी भी वरिष्ठ विधायक का नाम कमेटी के सदस्य के तौर पर सुझाने का आग्रह किया था।
मंगलवार को सूचना आयुक्तों की चयन समिति की बैठक में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों के लिए होने वाली बैठक के लिए नामित किया गया। कांग्रेस ने अपने निर्देशों में स्पष्ट किया है कि हुड्डा को केवल बैठकों के लिए नामित किया है। हालांकि कांग्रेस विधायक दल के नेता के फैसले पर अभी भी दुविधा ही बनी हुई है। जिस तरह से नेतृत्व ने केवल बैठकों के लिए हुड्डा को नामित किया है, उससे स्पष्ट है कि पार्टी हाईकमान सीएलपी को लेकर अभी भी जल्दबाजी में नहीं है। कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से ही सीएलपी का मामला लटकता जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
