जम्मू, 29 मई (Udaipur Kiran) । गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे के दिन
कांग्रेस ने आज पहलगाम में सुरक्षा चूक के कारण गंभीर आतंकवादी हमले पर गंभीर सवाल उठाए। गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की और साथ ही भाजपा नेताओं के अत्यधिक निंदनीय और अपमानजनक बयानों पर भाजपा नेतृत्व की चुप्पी पर सवाल उठाया।
आज यहां पीसीसी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेकेपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला, मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा, वरिष्ठ नेता ठा. बलवान सिंह पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री योगेश साहनी, वेद महाजन पूर्व एमएलसी और मुख्य मीडिया समन्वयक नीरज गुप्ता ने मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री विजय शाह और अब भाजपा विधायक और भाजपा के प्रवक्ता आर.एस. पठानिया ने सशस्त्र बलों का अपमान किया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि सशस्त्र बलों के खिलाफ इस तरह के बयानों पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से चुप क्यों है, उन्होंने ऐसे सभी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने बिसरन (पहलगाम) में सुरक्षा चूक पर गंभीर सवाल उठाए और पूछा कि उस जगह पर सुरक्षा क्यों नहीं थी, जहां रोजाना 2000 पर्यटक आते थे। गृह मंत्रालय सीधे जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कानून-व्यवस्था और सुरक्षा मामलों को देखता है इसलिए गृह मंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, साथ ही इस विफलता के लिए जिम्मेदार अन्य प्रमुखों को भी पद से हटा देना चाहिए।
रमन भल्ला ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के खुलासे के अनुसार, पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही बता दिया गया था, जब हमारी सेनाएं पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमला करने के लिए तैयार थीं, जो कि बहुत गंभीर और आपराधिक है तथा देश के साथ देशद्रोह है। सरकार को देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की ओर से युद्ध विराम की घोषणा कैसे की, जो कि शिमला समझौते का उल्लंघन करते हुए तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के समान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कई विदेश दौरे के बावजूद भारत सरकार को विभिन्न पहलुओं पर विदेश नीति की विफलताओं के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। अमेरिका ने एक आतंकी देश पाकिस्तान को भारत जैसे शांतिपूर्ण देश के बराबर क्यों माना? मोदी उसे अपना मित्र कहते हैं।
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बावजूद पाकिस्तान आईएमएफ से सहायता कैसे प्राप्त करने में सफल रहा, जबकि भारत आतंकवाद के खिलाफ जवाबी हमले की तैयारी कर रहा था। पाकिस्तान जैसे आतंकी देश को यह सहायता कैसे प्राप्त हुई और भारत ने इसके खिलाफ मतदान नहीं किया, क्यों? पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी जिले से बाहर थे, तो डीसी और एसएसपी जिले से कैसे दूर थे उन्होंने कहा कि गांधी ने 24 मई को पुंछ का दौरा किया, जबकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) द्वारा विभिन्न जिलों का दौरा करने तथा स्थिति की समीक्षा करने पर पूरा प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है। लोकतंत्र में यह दोहरा मापदंड क्या है, गृह मंत्री तथा उपराज्यपाल को स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने पहलगाम के शहीदों तथा देश की खातिर सीमा पर या अन्यत्र अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों को शहीद का दर्जा दिए जाने की पार्टी की मांग जोरदार तरीके से उठाई।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
