Haryana

कांग्रेस व जजपा ने स्पीकर की कार्यशैली पर उठाए सवाल

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चाैटाला विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता से मुलाकात करते हुए
हरियाणा विधायक विधायक दल के उपनेता व चीफ व्हीप चंडीगढ़ में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए

जेजेपी शिष्टमंडल ने स्पीकर से की मुलाकात, कांग्रेस ने भी मांगा समय

चार सप्ताह की बजाए कम समय में हो केस की सुनवाई: दुष्यंत

चंडीगढ़, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा में तीन विधायकों की सदस्यता को लेकर स्पीकर के यहां में चल रही लड़ाई अब और गहरा गई है। एक तरफ सरकार विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने जा रही है तो दूसरी तरफ जजपा और कांग्रेस ने स्पीकर पर अपने विधायकों की सदस्यता रद्द करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता व चीफ व्हीप ने विधानसभा स्पीकर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।

शुक्रवार को जजपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल स्पीकर से मिला। इस मुलाकात के दौरान दुष्यंत चौटाला ने अपनी ही पार्टी के दो विधायकों बरवाला से जोगीराम सिहाग और नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा की सदस्यता रद्द करने की मांग की। दोनों ही विधायकों के खिलाफ जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने शिकायत की हुई है। स्पीकर ने लम्बे समय के बाद दोनों विधायकों को नोटिस जारी करके इस मामले में सुनवाई करने का फैसला लिया है। दुष्यंत ने स्पीकर से मुलाकात करके उनसे आग्रह किया कि इस मामले में सप्ताहभर में सुनवाई करके फैसला किया जाए।

दोनों विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत आरोप लगे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों ने न केवल भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया बल्कि भाजपा के प्लेटफार्म पर भी शामिल हुए। रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इसके बाद भी खुलकर राज्य की मौजूदा नायब सिंह सैनी सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं। दुष्यंत का कहना है कि पूर्व स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने उस समय इनेलो विधायकों की सदस्यता रद्द करने में जरा भी देरी नहीं की थी। अब चूंकि जजपा के विधायक भाजपा की बोली बोल रहे हैं, इसलिए स्पीकर फैसला करने में देरी कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर, तोशाम विधायक किरण चौधरी ने 18 जून को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 19 जून को उन्होंने भाजपा की सदस्यता हासिल की। दल-बदल कानून के तहत विधानसभा का कोई भी सदस्य अगर किसी दूसरे दल में शामिल होता है तो उसे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है। लेकिन किरण चौधरी ने इस्तीफा नहीं दिया। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद और चीफ व्हिप बीबी बतरा ने 19 जून को ही स्पीकर को नोटिस देकर किरण को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की।

दोनों विधायकों ने 25 जून को दूसरा नोटिस दिया। स्पीकर ने इसे यह कहते हुए रद्द कर दिया कि कांग्रेस ने याचिका दायर नहीं की है। हालांकि कांग्रेस ने याचिका भी दायर कर दी लेकिन विगत दिवस स्पीकर ने इसे भी रद्द कर दिया।

शुक्रवार को यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत में बीबी बतरा व आफताब अहमद ने कहा कि स्पीकर ने कांग्रेस की याचिका दायर करके संविधान का उल्लंघन किया है। उनके फैसले को गैर-कानूनी बताते हुए उन्होंने कहा कि दल-बदल कानून के तहत याचिका दायर करने की भी जरूरत नहीं है। नियमों के हिसाब से स्पीकर के नोटिस में यह बात आने के बाद उन्हें फैसला करना चाहिए। स्पीकर पर भाजपा के लिए काम करने के आरोप लगाते हुए दोनों विधायकों ने कहा कि नालागढ़ की अदालत से कालका विधायक प्रदीप चौधरी को एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई तो स्पीकर ने खुद ही संज्ञान लेते हुए दो ही दिन में प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द कर दी, लेकिन अब दल-बदल कानून के मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दोनों विधायकों ने एक बार फिर स्पीकर को शिकायत दी है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी लगाई है।

(Udaipur Kiran) शर्मा कुमार सक्सैना

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