चंडीगढ़, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया और कांग्रेस अभी तक कई दिनों की उठापटक के बावजूद विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई। लिहाजा कांग्रेस के विधायक बगैर नेता के ही सदन में पहुंचे।
पिछले चार दिन से विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की मंथन बैठकें चल रही थीं, लेकिन इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया। सदन में बैठे कांग्रेस विधायक अपने हाईकमान के विधायक दल का नेता घोषित नहीं करने संबंधी फैसले से काफी मायूस दिखे। कांग्रेस विधायकों को उम्मीद थी कि हाईकमान की ओर से बजट सत्र आरंभ होने से कुछ समय पहले तक विधायक दल के नेता की घोषणा की जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजतन कांग्रेस विधायकों को बिना नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हालांकि कांग्रेस विधायकों के नेता की भूमिका में विधानसभा में नजर आए, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक उनके नाम पर मुहर नहीं लगाई है। यह दूसरा मौका है, जब कांग्रेस को बिना विधायक दल के नेता के सदन की कार्यवाही में शामिल होना पड़ा। अक्टूबर में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र हुआ था। उस समय तक भी कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हो पाई थी। तब से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी समय विधायक दल का नेता घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने विधायकों के इंतजार की इंतहा कर दी है।
उल्लेखनीय है कि इस बार विधानसभा चुनाव में
कांग्रेस के 37 विधायक विधानसभा में चुनकर पहुंचे हैं। इनमें 30 से ज्यादा विधायक हुड्डा समर्थक हैं, लेकिन कांग्रेस के हुड्डा विरोधी नेता नहीं चाहते कि हुड्डा को दोबारा से विधायक दल के नेता की कमान सौंपी जाए। नेता प्रतिपक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी प्रभारी बीके हरिप्रसाद हाईकमान को अपनी सिफारिश दे चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
