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कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स ऑफ इंडिया ने किसानों के विरोध के खिलाफ हाईकोर्ट से पीआईएल वापस ली

Allahabad High court

प्रयागराज, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है, जिसमें न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अपने कार्यालयों में आम जनता के सुरक्षित प्रवेश और निकास के लिए निर्देश देने और सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों के लिए एक स्थान निर्धारित करने की मांग की गई थी।

जनहित याचिका में कहा गया कि किसान अतिरिक्त मुआवजे के भुगतान, नौकरी में आरक्षण और अधिकारियों द्वारा अधिग्रहित भूमि के बदले आबादी भूमि के आवंटन सहित विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर नियमित रूप से विरोध प्रदर्शन और धरना दे रहे हैं।

याची ने याचिका में कहा था कि किसानों के इस तरह के विरोध के कारण विकास प्राधिकरण अपने गेट बंद कर देते हैं और आम जनता को अपने परिसर में प्रवेश करने से रोकते हैं। जिससे आम जनता को परेशानी होती है। याचिका में नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित भूमि पर काम करने वाले डेवलपर्स के लिए प्रतिनिधि निकाय होने के नाते क्रेडाई ने परियोजनाओं में बाधा डालने वाले प्राधिकरणों के कार्यालयों में डेवलपर्स को अनुमति नहीं दिए जाने के बारे में चिंता जताई गई थी। यह दलील दी गई कि विरोध प्रदर्शन किसी भी प्राधिकरण के मंजूरी के बिना किया गया और विकास परियोजनाओं के रुकने से जनता को अधिक नुकसान हो रहा था।

याचिकाकर्ता ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को किसानों को उनके विरोध प्रदर्शन के लिए अलग जगह आवंटित करने और डेवलपर्स सहित आम जनता को उनके कार्यालयों में प्रवेश की अनुमति देने के निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिससे विकास कार्य बिना किसी परेशानी के किया जा सके। याची ने विकास प्राधिकरणों के कार्यालयों में और उसके आसपास पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश के साथ राज्य के खिलाफ परमादेश की रिट भी मांगी थी।

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की पीठ ने की, परन्तु कोर्ट ने याची की मांग पर याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कानून के अनुसार मामले का हल निकालने का उपाय कर सकता है।

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / मोहित वर्मा

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